वो गई... और मैं रह गया 🕊️ – Rishabh Bhatt | Yaadon Ki Khidki Se Series

A poetic glimpse into emotions, silence and forgotten memories. Perfectly capturing the essence of Rishabh Bhatt’s soulful poetry series “Yadon Ki Khidkiyo Se”. 🌙🖋️

यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1

Boy and girl talking about love fading over time - emotional start of a poem by Rishabh Bhatt"

वो गई... और मैं रह गया 🕊️
🌙 टूटे हुए ख़्वाब और टूटी हुई बांध दोनों तबाही जैसी लगती हैं, जैसे उम्मीदों के कोरे कागज पर किसी ने स्याही की बोतल उड़ेल दिया हो 🖤 जैसे आसमान, चांद और तारों से खाली हो गई हो 🌌 और होंठों की नमी को, किसी बंजर ज़मीं की नज़र लग गई हो 🏜️ मेरी भी हालत कुछ यूं ही हुई थी, उसके जाने के बाद। 💔 न खाने का होश बचा था न ही नहाने का फुरसत इतनी भी नहीं थी, कि अपने दर्द को सिरहाने रख खुशियों से पल दो पल बात कर सकूं अपने खुद के दिल पर हाथ रख सकूं 🤲 और खुद से इतना बोल सकूं – ‘कि मेरा दिल अभी भी मेरे पास है, इसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता।’ ❤️ उसका जाना, बस एक ख्वाब के चले जाना जितना है 🌠 ये बात मैं खुद को, समझा नहीं पा रहा था, क्योंकि मैं खुद ये मानने को तैयार नहीं था, कि वो मुझसे दूर जा चुकी थीं 🚶‍♀️ और अब कभी वापस नहीं आने वाली थी। हां, आज भी उसके साथ गुजारे पल, किसी आदत के जैसे मेरी हरकतों में समाएं हुए हैं उतनी ही उत्सुकता से अब भी – वॉट्सएप खोलता हूं 📱 जैसे उसके मैसेजेस आने पर खोलता था और उससे बातों में खो जाता था मगर अब चाहें जितने भी, गुड मॉर्निंग के मैसेजेस क्यूं न आ जाएं, उसके एक मैसेज की कमी हर वक्त है। 😔 ये कमी इस हद तक है, जैसे बिना रौशनी के जुगनू ✨ और बिना किसी देखने वाले के कोई आईना 🪞 काश अपनी तस्वीर में मैं उसे देख पाता हवाओं में उसे छू पाता 🌬️ बारिशों में भीग उसे खुद में उतार पाता 🌧️ काश इन खामोशियों को उसकी आवाज़ मिल जाती जिसे मैं हर वक्त सुन पाता 🎵 और काश वो गई ही न होती, वो गई ही न होती। 💭 ये सारी बातें तबाही के बाद, किसी उजड़ी बस्ती के जैसी बस रह गई हैं, जहां बिखरा हुआ तो सब कुछ है, मगर एकजुट केवल उम्मीद है। 🌈 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion

🕊️ Further Chapters of This Soulful Series

बेचैनी ❤️‍🔥
  • कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं… जो दिल में जलते हैं, पर बुझते नहीं… 🌌
  • By: Rishabh Bhatt
ख़्वाबों की तासीर 🌒
  • वो जो आँखों से गिरे, मगर दिल से कभी निकले नहीं… 💫
  • By: Rishabh Bhatt
कागज़ के एरोप्लेन ✈️
  • कभी ख्वाहिशें थीं, अब बस मुड़े हुए पन्ने हैं… 🍂
  • By: Rishabh Bhatt
उसका एक लाइक 💖
  • जहाँ इज़हार की ज़रूरत नहीं, एहसास ही काफी है... 🌷
  • By: Rishabh Bhatt
बिछड़ाव की रौशनी 🌙
  • हर अँधेरे में उसका नाम मेरी तन्हाई को उजाला दे जाता है… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
उस दिन... जब प्यार हुआ ❣️
  • उस दिन से, हर धड़कन उसका नाम लेती है… 💖
  • By: Rishabh Bhatt
आशिक़ी की खामोशी 🖤
  • कभी किसी ने पूछा — “कब तक लिखोगे?” — मैंने कहा, जब तक दिल थमे… 💌
  • By: Rishabh Bhatt
हम दोनों सही थे, हम दोनों ही गलत थे 💔
  • सही या गलत का सवाल नहीं, बस जज़्बातों की जंग थी… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
मोहब्बत की स्याही 🖋️
  • लिखते हुए भी, लगता है जैसे वो हर शब्द मेरे साथ पढ़ रही हो… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer Words are my way of turning silence into emotions. Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope. My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD. 💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul. 📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.

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