RishNova Presents
Kasmein Bhi Du To Kya Tujhe?
Written by Rishabh Bhatt
ISBN: 978-93-340-9458-9
Publishing Year: 2024
Genre: Poetry
💫 About the Book
मैंने कहीं पढ़ा था कि अगर एक पत्थर को समंदर में फेंके तो लहरों से टकरा वो बहता हुआ वापस हमारे पास चला आता है। अगर एक बार फिर उस पत्थर को समंदर में फेंके तो दोबारा वो पत्थर हमारे पास चला आएगा। ऐसा कई बार हो सकता है। लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब समंदर में पत्थर फेंकने पर वो कभी वापस नहीं आता। हमारी पहुंच से कहीं दूर समंदर की गहराई उसे अपनी गोद में समेट लेती है। उस पल से हमारा उसपे कोई हक नहीं रह जाता। अक्सर हम सबकी ज़िंदगी में भी कुछ शख़्स ऐसे आते हैं जिनसे आज हमारा कोई रिश्ता तो नहीं फिर भी उनके नाम की रौनक से आंखों में पानी भरी चमक और होंठो में मुस्कान हमेशा सज जाती है। ये लोग उसी पत्थर की तरह हैं, जो हमारे इश्क़ की अमानत हैं। छोटे–मोटे झगड़ों से हमारे बीच नाराजगियां चली आती हैं और कोई सोच भी नहीं सकता कि एक दिन वो हमेशा के लिए हमें अकेला छोड़कर चला जाएगा। वो चांद जो हमारे ख़्वाबों का हिस्सा है वहीं रातों की नींद ले कहीं गुम हो जाएगा।
किताब का शीर्षक आपको कुछ जाना पहचाना लग सकता है और लगाना भी चाहिए क्योंकि ये एक गाने से लिया गया है। दिल को छूने वाले आशिक़ी–2 के गाने आज भी कहीं गूंजते हैं तो उनके भाव हर किसी के चेहरे पर दिखने लगते हैं। उसी फ़िल्म के एक गाने (मिलने है मुझसे आई) की चंद लाइनों ने इस किताब के शीर्षक का काम किया है।
जब मैंने इस किताब को लिखना शुरू किया था तभी से एक कहानी मेरे दिल को टटोले हुए थी। शायद इस कहानी ने ही मुझे इस पूरे किताब में अपनी भावनाओं को समेटने का मौका दिया। वैसे तो इस संग्रह में नज़्मों, शायरियों और कविताओं के दर्जनों भाव हैं फिर भी वो कहानी जिसने इस किताब को लिखने की प्रेरणा दी, किताब की कहानी के रूप में अगले पृष्ठ पर प्रस्तुत है। ये कहानी केवल कहानी नहीं बल्कि मेरे और शायद आप में से अधिकतर लोगों की आपबीती है जिसे आप खुद महसूस ही कर सकते हैं....
✍🏻 कहानी
सालों पहले एक शहजादा तारा आसमान से टूटकर जमीं पर आ गिरा। यहां उसकी मुलाक़ात शहजादी कोहिनूर से हुई। शहजादी कोहिनूर, जिसे कुदरत ने इस जहां में सबसे नायब और बेशकीमती बनाया था। लोगों से ये इश्क़ बर्दास्त नहीं हुआ इसलिए उन्होंने शहज़ादे तारे को वापस आसमान में भेज दिया और उसे शहजादी कोहिनूर से हमेशा के लिए अलग कर दिया। फिर सालों तक शहजादी के लिए लड़ाइयां चलती रहीं। हवाओं का रुख एक दिन बदला हुआ सा था जब सात समंदर पार से कुछ लोग आएं और शहजादी कोहिनूर को हमेशा के लिए यूरोप लेकर चले गए। वहां उसकी शादी एक अंग्रेज शहजादे से हुई। शहजादी ने इसे अपनी ज़िंदगी माना और आगे बढ़ गई।
दूसरी ओर, आसमान का वो शहजादा तारा शहजादी कोहिनूर के मुल्क वापस आया। यहां उसे सारे मसले मालूम हुएं। फिर भी वो आखरी बार शहजादी से मिलना चाहता था। एक दिन, वो दोनों जब मिलें तो शहजादी ने उसे समझाया कि वो अपने रिश्ते को दिल से स्वीकार चुकी है और आगे बढ़ गई है। उसने शहजादे तारे को भी समझाया कि अतीत को भूल उसे भी अब आगे बढ़ जाना चाहिए। शहजादा तारा भरी आंखों से सिर्फ शहजादी कोहिनूर को देखता रहा।
फिर उस शहजादे तारे का क्या हुआ ये बात मुझे मालूम नहीं। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि इस दर्द को हर उस इंसान ने करीब से महसूस किया है जिन्होंने अपनी मोहब्बत को किसी और की अमानत बनते देखा है। अक्सर हर इंसान की ज़िंदगी में कोई ऐसा शख़्स होता है जिससे हमारी उम्मीदें जुड़ी तो होती हैं लेकिन उसपे हमारा कोई हक नहीं रह जाता। ये किताब भी उनके लिए जिनकी मोहबत उनके नज़रों के तो सामने है लेकिन उसपे हमारा कोई हक नहीं। पेश है, “कसमें भी दूं तो क्या तुझे?"
💡 Book Highlights
💔 मोहब्बत की वो कहानियाँ – जहाँ इश्क़ तो है, मगर हक़ नहीं; जहाँ चाहत तो है, मगर साथ नहीं।
🌌 दिल को छू लेने वाली नज़्में – वो एहसास जिन्हें कह पाना मुश्किल था, अब हर लफ़्ज़ में साँस ले रहे हैं।
🕊️ इश्क़ की कसमें और तन्हाई का सच – जब वादे निभते हैं, मगर मोहब्बत फिर भी अधूरी रह जाती है।
🌹 कविताओं में जज़्बात – वो बातें जो आँखों की नमी और मुस्कान के बीच झूलती रहीं, अब काग़ज़ पर दर्ज हो गईं।
✨ हर दिल की दास्तान – ये किताब सिर्फ़ मेरी नहीं, हर उस इंसान की है जिसने मोहब्बत को पास होकर भी खोया है।
📖 शायरी की ख़ुशबू – हर शेर, हर नज़्म आपके दिल के सबसे गहरे कोनों से बातें करेगी।
💘 Sample Excerpts
1. आजादी तो उसने यूं दी मुझे मोहब्बत से,
पंछी के पैरों को बांध जैसे कोई पिंजरा खुला छोड़ता है…
2. आ गई तूं दिल में क्या बातें मेरी सुन? गा रहा था बहरें तुझपे, अल–फ़ाइलातुन,
होश में दिल आया, जब तूने गले लगाया,
दर्द दिलों का यारा कह तुझसे रोना था, गोद में सिर रखके तेरी, मुझको सोना था...
3. वो रुखसार यूं शबनम हो गई, के मेरे आँखों की चमक मद्धम हो गई,
वो जिसका होना ही इरशाद था कोई, बग़ैर सितम के भी सैकड़ों ग़म हो गई...
✨ Why You Must Read This
कभी-कभी मोहब्बत अधूरी रहकर भी सबसे पूरी लगती है। ये किताब उसी अधूरेपन, उसी तड़प और उसी खामोशी की आवाज़ है।
“कसमें भी दूं तो क्या तुझे?” कोई साधारण शायरी की किताब नहीं— ये उन रूहानी लम्हों का सफ़र है, जहाँ इश्क़ अपने सबसे सच्चे और सबसे नाज़ुक रूप में मिलता है।
यहाँ हर नज़्म आपको आपकी ही यादों तक ले जाएगी, हर शेर आपके भीतर छुपे किसी राज़ को छुएगा, और हर कविता आपको यह एहसास दिलाएगी कि मोहब्बत कभी मिटती नहीं— वो बस दिल के किसी कोने में हमेशा सांस लेती रहती है।
अगर आपने कभी किसी को चाहकर खोया है, अगर आपने कभी इंतज़ार को इबादत बनाया है, या अगर आपके पास भी कुछ अनकही कसमें हैं— तो यह किताब आपके लिए है।
ये सिर्फ़ पढ़ने की नहीं, बल्कि जीने की किताब है।
🙏🏻 आपके लिए धन्यवाद
हर किताब तभी मुकम्मल होती है, जब उसके शब्द किसी के दिल तक पहुंचकर उसे महसूस हों। अगर “कसमें भी दूं तो क्या तुझे?” की कोई भी नज़्म, कोई भी शायरी आपके दिल की धड़कनों से मिल पाई है, तो समझ लीजिए कि मेरा लिखा मक़सद पूरा हुआ।
मैं दिल की गहराइयों से आपका शुक्रगुज़ार हूं कि आपने अपने कीमती लम्हों में से कुछ पल मेरी किताब को दिए। ये आपका अपनापन ही है जो मेरी कलम को और भी सच्चाई से बहने की ताक़त देता है।
आप सिर्फ़ reader नहीं, बल्कि इस सफ़र का सबसे अहम हिस्सा हैं। आपके बिना ये अल्फ़ाज़ अधूरे थे, और आपके साथ ही ये एक किताब बन पाए।
शुक्रिया, दिल से! 💖
✨ अगर कभी इश्क़ ने आपको रुलाया है, मुस्कुराया है, या खामोश कर दिया है… तो ये किताब आपके लिए है। आज ही इसे अपना बना लीजिए!