हर किताब कुछ कहती है, लेकिन कुछ किताबें महसूस होती हैं।
"नींद मेरी, ख़्वाब तेरे" सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, एक रूहानी अनुभव है।
एकतरफ़ा मोहब्बत, सच्चा इंतज़ार, और वो ख़ामोश लम्हे — जो सिर्फ़ दिल सुन पाता है।
जब ज़िंदगी ठहर जाती है एक नाम पर...
कभी किसी को देखा है और ऐसा लगा हो कि वक़्त वहीं रुक गया है? जैसे किसी पुरानी दुआ ने असर कर दिया हो, जैसे कोई ख्वाहिश अल्फ़ाज़ से आगे निकल गई हो?
"नींद मेरी, ख़्वाब तेरे" की शुरुआत भी कुछ ऐसी ही है। एक लड़का, जो खुद को कुछ नहीं मानता, अपनी भावनाओं को शायद ही कभी जुबां दे पाया हो, और एक लड़की — जो उसकी पूरी कायनात बन गई। वो जो हर ख्वाब में आती थी, हर तन्हा लम्हे में साँसों में उतरती थी, और हर कविता की रूह बनती चली गई।
मोहब्बत, जैसी आपने कभी महसूस की थी... या शायद कभी नहीं की
इस किताब में मोहब्बत को लिखा नहीं गया — जिया गया है।
यह उन लोगों की कहानी है जिन्होंने प्यार किया — मगर पाया नहीं।
जो हर रोज़ किसी के नाम की तासीर से जागते हैं,
और रात को उसी की यादों में बिखर जाते हैं।
यह कहानी सिर्फ़ किसी लड़की की नहीं, यह हर उस इंसान की है जो मोहब्बत में हार कर भी जीत गया, जिसने बिना किसी उम्मीद के, किसी को टूटकर चाहा।
"इश्क़ वो खेल नहीं, जिसे दो लोग खेलें —ये तो वो सजदा है, जिसे एकतरफ़ा भी मुकम्मल कर देता है।"
जब आँसू इबादत बन जाएँ
इस किताब को पढ़ते वक़्त आपको लगेगा कि कोई आपकी ही कहानी कह रहा है।
हर पन्ना जैसे आपकी रूह को छूता है।
हर कविता, एक आइना बन जाती है — जिसमें आप अपने ही आँसू देख सकते हैं।
इसलिए तो कहा गया है:
"जेब की रुमाल को हथेली पर रख लीजिए,आँसू पोंछने के लिए नहीं,मोहब्बत के असर को चेहरे से उतारने के लिए।"
क्योंकि जब आप आख़िरी पन्ना पढ़ेंगे — आप वही नहीं रहेंगे जो पहले थे।
स्त्री को सिर्फ़ प्रेमिका नहीं, इंसान की तरह समझने की दास्तां
इस किताब में एक पुरुष की मोहब्बत है, लेकिन साथ ही —
एक स्त्री की भावनाओं, उसकी पीड़ा, उसके अनुभवों को समझने की भी कोशिश है।
वो “लड़कियों की दिक्कत” कहकर टाल दी जाने वाली चीज़ें
यहाँ सम्मान बनती हैं,
संवेदनशीलता बनती हैं,
और एक मुकम्मल इज़्ज़त का रूप ले लेती हैं।
यह किताब सिर्फ़ एकतरफ़ा प्यार नहीं सिखाती,
बल्कि ये सिखाती है कि इंसान को सिर्फ़ चाहा नहीं, समझा भी जाना चाहिए।
क्यों पढ़ें ये किताब?
1. क्योंकि कुछ जज़्बात कहे नहीं जाते — बस पढ़े जाते हैं।
इस किताब में वो सब है जो आपने कभी महसूस किया पर शब्द नहीं दे पाए। जब आप इसे पढ़ेंगे, तो पाएँगे — “अरे! ये तो मेरी ही कहानी है।”
2. हर कविता में एक लम्हा जिया गया है।
कभी वो बारिश में भीगती आँखें हों,
कभी अधूरी बातों की गूंज हो,
या किसी पुराने व्हाट्सएप स्टेटस का अफ़सोस।
3. अगर आपने कभी एकतरफ़ा प्यार किया है, ये किताब आपकी आत्मा से बातें करेगी।
एक-एक लाइन ऐसा लगेगा जैसे किसी ने दिल चीर कर लिखा हो।
4. छोटे-छोटे लफ़्ज़ों में बड़ी बात।
कोई मुश्किल शब्द नहीं, कोई भारी कविता नहीं —
बस वो अल्फ़ाज़ हैं जो दिल से निकलकर सीधे आपके दिल तक पहुँचते हैं।
कुछ झलकियाँ किताब से:
🖋️
“वो मेरा नाम नहीं लेती थी,
मगर मैं उसके नाम से हर सुबह शुरू करता था।”
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“उसने सिर्फ़ एक बार मुस्कुराकर देखा था,
और मेरी पूरी ज़िंदगी वही रुक गई।”
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“मैं उसके लिए कुछ भी नहीं था,
पर वो मेरे लिए सब कुछ थी —
और शायद यही एकतरफ़ा प्यार की सबसे ख़ूबसूरत बात होती है।”
🖋️
“वो मोहब्बत नहीं, रूह थी —
जो मेरी साँसों में बस गई थी।”
किताब किसके लिए है?
- जो मोहब्बत को इबादत मानते हैं
- जिनका प्यार अधूरा रह गया
- जो आज भी किसी की तस्वीर दिल में लिए फिरते हैं
- जो एक शब्द में अपनी पूरी दुनिया ढूंढते हैं
- जो संवेदनशील हैं, और इंसानी भावनाओं को समझते हैं
- और सबसे ज़्यादा — जो अकेले हैं, लेकिन टूटे नहीं हैं
लेखक की जुबानी...
"मैंने कभी अपने डैडी से 'हूँ' से ज़्यादा बात नहीं की,और माँ की छांव में खड़ा होना तक नहीं सीखा —फिर भी जब मोहब्बत आई,तो जैसे रूह ने क़लम पकड़ लिया।"
यह किताब उस लेखक की आत्मा से निकली है,
जिसने प्यार किया — बेइंतिहा किया,
मगर जवाब नहीं माँगा।
कहां मिलेगी ये किताब?
📚 किताब का नाम: नींद मेरी, ख़्वाब तेरे
🖋️ लेखक: Rishabh Bhatt
🪄 फ़ॉर्मेट: Paperback & eBook दोनों
💰 कीमत: एक कॉफ़ी से भी कम, पर एहसास उम्र भर का
अंत में...
"नींद मेरी, ख़्वाब तेरे" पढ़ना एक किताब पढ़ना नहीं,
बल्कि एक रिश्ता जीना है — जिसमें आप अकेले नहीं हैं।
अगर आपने कभी किसी से मोहब्बत की है —
चाहे उसने कभी वो मोहब्बत जानी हो या नहीं —
तो ये किताब आपको थाम लेगी।
इस बार अपने लिए कुछ पढ़िए।
क्योंकि कुछ ख़्वाब सिर्फ़ नींद के लिए नहीं होते,
वो आपकी जागी हुई रूह को भी ज़िंदा करते हैं।
📩 अब आप तैयार हैं?
अपनी ‘नींद’ को छोड़, किसी और के ‘ख़्वाब’ में खो जाने के लिए?
तो किताब पढ़िए, और मोहब्बत में एक बार फिर यक़ीन कीजिए।