RishNova Presents
नींद मेरी, ख़्वाब तेरे
Written by Rishabh Bhatt
ISBN: 978-93-343-5398-3
Publishing Year: 2025
Genre: Poetry
💫 About the Book
हर कहानी की शुरुआत होती है एक ख़्वाब से, सूरज से कभी, कभी आफ़ताब से। मेहरबानों, क़द्रदानों दिल थामके बैठ जाइए। जेब की रुमाल को अपनी हथेली पर रख लीजिए। आँसू पोंछने के लिए नहीं, बल्कि इस किताब को पढ़ने के बाद अपने चेहरे को पोंछने के लिए। यक़ीन मानिए, 'नींद मेरी, ख़्वाब तेरे' पढ़ने के बाद आप वो इंसान नहीं रह जाएँगे जो अभी आप हैं।
यह मैं पूरी दृढ़ता से कह सकता हूँ कि आप हर कविता से जैसे-जैसे रूबरू होते जाएँगे, आपको कुछ महसूस होगा।
और अंत में इस रुमाल से अपना चेहरा पोंछने के बाद आपको एक नया चेहरा मिलेगा — मोहब्बत का, इंतज़ार का।
एकतरफे प्यार का भी रिश्ता नाम होता है इस विश्वास का।
और अगर आप पुरुष हैं तो हर स्त्री के उन दिनों की समझ और संवेदनशील को महसूस करने का, जो उन्हें ‘लड़कियों की दिक्कत’ कहकर टाल दिया जाता है।
न जाने वो कौन थी? कोई हूर जो शायद जन्नत से चल कर आई थी? नहीं, रूह जो शायद मेरी साँसों में उतर आई थी? या फिर वो ख़ुद मोहब्बत ही रही होगी, जिसे ईश्वर ने मेरी कई जन्मों की नेकी के बदले सौंपा होगा। क्योंकि मैं तो बस एक साधारण सा लड़का था, जिसने अपने डैडी से कभी "हूँ" से आगे कोई बात नहीं किया और जिसे घनी धूप में भी माँ के आँचल की छाया तले खड़े होना नहीं आया।
फिर भी —
निराली उड़ान की ख़्वाबिदा शहजादी ने जैसे अपना दुपट्टा मेरे हाथों में दे दिया। जवानी की दहलीज़ पर खड़े एक ख़्वाबों के मुसाफ़िर को अपने सीने से लगाया और एक सफ़र दिया।
आज लिख भले ही मैं रहा हूँ लेकिन मेरी हर लफ़्ज़ उसकी है। बंद आँखों में उसका चेहरा, सन्नाटों में उसकी आवाज़ है। और वो कोई और नहीं — जैसे मेरे "मैं" की धुन हो।
उसके होने की तसल्ली इतनी कि हर रात सुकून की नींदों ने मेरा सजदा किया, और सहर (सुबह) को उसने ख़्वाबों से भर दिया। यहीं से जन्म हुआ इस किताब “नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” का।
ये किताब सिर्फ़ मेरा नहीं,
आपका भी अक्स (प्रतिबिंम) है,
और हर उस इंसान का है,
जिसकी इबादत की सुबह किसी ख़ास नाम से होती है।
उस वजूद को समर्पित —
और ख़ुद को ज़िंदा रखने के लिए,
पेश है: "नींद मेरी, ख़्वाब तेरे”
✍🏻 From the Author
हर किताब सिर्फ़ कागज़ पर लिखे अक्षरों का मेल नहीं होती, कई बार वो दिल की धड़कनों से जन्म लेती है। “नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” भी वैसा ही एक सफ़र है—मेरी रूह से निकली हुई मोहब्बत, इंतज़ार और एहसासों का आईना।
यह किताब उन लम्हों से बुनी गई है जहाँ नींद मेरी थी, लेकिन सपने उसी के थे। उन पन्नों से जिन्हें लिखते वक़्त मेरा क़लम थमता तो ज़रूर मैं था, मगर हर शब्द उसकी मौजूदगी से साँस लेता था। यहाँ हर कविता सिर्फ़ कहानी नहीं है, बल्कि दिल की तहों में छिपे उन जज़्बातों की गवाही है जो अक्सर कहे नहीं जाते, पर महसूस बहुत गहराई से होते हैं।
अगर आप इसे पढ़ते हुए मुस्कुराएँ, रोएँ, या ख़ुद में कहीं किसी अजनबी दर्द का अक्स पाएँ—तो समझिए इस किताब ने अपना मक़सद पूरा कर लिया।
“नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” महज़ एक किताब नहीं, मोहब्बत की वो दुआ है जिसे पढ़ने के बाद शायद आप अपने ही दिल के लिए थोड़े और नर्म हो जाएँ।
💡 Book Highlights
💫 यह किताब सिर्फ़ शायरी नहीं, बल्कि रूह का आईना है — जहाँ नींद मेरी है और ख़्वाब सिर्फ़ उसी का।
🖋️ हर कविता लंबी है, दिल की गहराइयों से निकली हुई — ताकि आप सिर्फ़ पढ़ें नहीं, बल्कि महसूस करें और जीएँ।
❤️ इसमें आपको इश्क़ का सुकून भी मिलेगा और 💔 जुदाई का दर्द भी — दोनों वैसे ही जैसे ज़िंदगी में साथ चलते हैं।
🤐 यह किताब उन लोगों के लिए है जिन्होंने चुपचाप मोहब्बत की है, और जिनके लिए इंतज़ार ही दुआ बन गया।
🌌 हर पन्ना आपको याद दिलाएगा कि मोहब्बत कभी ख़त्म नहीं होती, वो बस रूप बदलती है — नींद से ख़्वाब तक।
💘 Sample Excerpts (🌹 इश्क़ के सात पड़ाव)
1. 👀 नज़र – पहली नज़र का जादू, जो दिल में छुपा एक नया जहाँ खोल देता है।
2. 🤝 उन्स – मिलने और महसूस करने की लगातार चाह, हर पल उसी की तलाश।
3. ❤️ इश्क़ – दिल पूरी तरह उसी के हवाले, हर मुस्कान, हर बात खास।
4. 🕊️ इबादत – मोहब्बत में पवित्रता, जैसे उसका होना खुदा का अहसास हो।
5. 🔥 जुनून – हर सोच और ख्वाब उसी के इर्द-गिर्द, इश्क़ हदों से परे।
6. 💔 कुरबानी – अपने सपनों, खुशियों, या खुद को भी दे देना उसकी खुशी के लिए।
7. 🌌 फना – खुद को भुलाकर केवल इश्क़ में खो जाना, महबूब ही पहचान बन जाए।
✨ Why You Must Read This
इस किताब को पढ़ना सिर्फ़ पढ़ाई नहीं, अनुभव है।
हर कविता, हर लफ़्ज़, हर ख़्वाब—आपको अपने ही दिल की उस कोठरी तक ले जाएगा जहाँ मोहब्बत, इंतज़ार और एहसास छुपे रहते हैं।
यह किताब आपको सिखाएगी कि:
- मोहब्बत सिर्फ़ मिलने से नहीं, महसूस करने से होती है।
- एकतरफ़ा प्यार भी दिल के सबसे सुंदर रंगों में बदल सकता है।
- संवेदनशील होना कमजोरी नहीं, एक ताक़त है जो आपको इंसान बनाती है।
और सबसे बड़ी बात—यह किताब आपके भीतर का चेहरा बदल देगी। जब आप आख़िरी पन्ना पलटेंगे, आप वही नहीं रहेंगे जो पहले थे। आपके अंदर की नर्माई, आपकी उम्मीद, और आपकी चाहत कुछ और गहराई से जाग उठेगी।
हर इंसान जिसे आप याद रखते हैं, हर एहसास जिसे आपने अनसुना किया है, हर ख़्वाब जिसे आप जिंदा रखना चाहते हैं—
यह किताब उन सबको अपनी रूह में समेटती है।
इसलिए इसे हाथ में लीजिए, और खुद को खो जाने दीजिए।
क्योंकि “नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” सिर्फ़ किताब नहीं, एक सफ़र है—दिल तक, रूह तक।
🙏🏻 आपके लिए धन्यवाद
आपका शुक्रिया, कि आपने यह ब्लॉग पढ़ा, और “नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” के बारे में जानने का समय निकाला।
इस सफ़र में मेरा हाथ थामने के लिए, मेरे जज़्बातों को महसूस करने के लिए—आपकी हाज़िरी मेरे लिए बहुत मायने रखती है।
हर शब्द, हर एहसास, हर ख़्वाब—अब आपका भी हिस्सा है।
और यही तो इस किताब की असली ख़ूबसूरती है: लेखक और पाठक की रूहें एक ही धुन में मिलती हैं।
आपका साथ, आपका अपनापन, मेरे लिए बहुत कीमती है।
बस यही दुआ है कि जब आप किताब पढ़ें, हर पन्ना आपके दिल की गहराई को छुए, और आप महसूस करें कि यह सफ़र सिर्फ़ मेरा नहीं, आपका भी है।
शुक्रिया, दिल से! 💖
✨ अब हाथ बढ़ाइए, “नींद मेरी, ख़्वाब तेरे” अपने पास लाएं और दिल की हर धड़कन को महसूस कीजिए!