यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1
मोहब्बत की स्याही 🖋️
“हाथों पर किसी का नाम हर रोज़ लिखने से ✍️,
एक दिन वो हमारी किस्मत में भी लिख उठता है 🍀।”
बुद्धिजीवी, खुद को स्मार्ट कहने वाले लोग 🤓,
या ज्योतिषी 🔮 — जो भी कहें...
पर इश्क़ के जुनून में लबालब भरा हुआ आशिक़ ❤️🔥,
उन्हें कहीं ज़्यादा बेहतर ढंग से
इस बात को समझ सकता है।
इन हाथों की लकीरों की आखिर सच्चाई क्या है? 🖐️
जब मन होता है, किसी को किस्मत से जोड़ देती हैं 💫,
और उसकी आदत लगने के बाद,
अचानक से एक दिन — छीन लेती हैं ❌।
कहने वाले कहते हैं —
लकीरें उस भगवान के घर से बनकर आती हैं 🙏,
जो ज़िंदगी के पन्नों पर शब्दों का काम करती हैं 📖।
अगर ऐसा है...
तो इन लकीरों में न लिखा हुआ इंसान
हमारी ज़िंदगी में कैसे चला आता है? 🤔
क्यों उसकी यादें ताउम्र हमें सताती हैं 😢?
आँखों से उसका चेहरा क्यों नहीं भुलाया जाता 👁️?
शायद... इन सबका जवाब सिर्फ एक है — मोहब्बत ❤️
मोहब्बत —
खुद एक स्याही है 🖋️,
खुद एक किस्मत है 🍀,
और खुद एक लकीर है 🖐️।
जो दो इंसानों को उनके शिद्दत के लिए
प्यार के देवता की निशानी के रूप में दी जाती है ✨।
मोहब्बत की ताक़त किस्मत से बड़ी है 🌟,
दिल की ताक़त — हाथों की लकीरों से बड़ी है 💓।
यही वजह है...
कि किस्मत में न लिखे हुए इंसान को भी
अपना बनाया जा सकता है 🤍।
हाथों की लकीरें
भले जिन्हें ज़िंदगी का हिस्सा न बनने दें ❌,
पर उन्हें दिल में ताउम्र
समेटे रखा जा सकता है 🫂।
किस्मत उस इंसान को दूर करके भी
मोहब्बत को इस दिल से अलग नहीं कर सकती 💖।
दुनिया की कोई भी लकीर
तक़दीर में लिखी मोहब्बत की स्याही पर
चढ़ नहीं सकती ✒️ —
क्योंकि मोहब्बत, मोहब्बत है 💘,
जो किसी किस्मत और लकीरों की मोहताज नहीं।
एक आशिक़ अपने हमरूह से आखिर
किस चीज़ की मांग कर सकता है? ❓
दिल की इल्तिज़ा —
कितने सच्चे आशिक़ों की सिर्फ जिस्मों तक रही है 🖤?
ख़ैर... कोई कुछ भी बोले —
पर एक आशिक़ कभी ये बर्दाश्त नहीं कर सकता ❌
कि कोई उसके इश्क़ पर
रत्ती भर भी सवाल उठाए ⚡।
इश्क़ — वो आग है 🔥,
जो दिल में लगे तो सूरज की रौशनी बन जाती है 🌅,
और नियत में जले तो क़यामत ⚡।
ख़ाक में मिलना भी
एक मोहब्बत के मुसाफ़िर को
अपनी महबूब की हिफ़ाज़त के लिए मंज़ूर है 🌹।
दूसरी ओर,
जिस्मानी रिश्तों की डोर वहीं टूट जाती है —
जहां इस जिस्म को सुख मिलना बंद हो जाता है 💔।
लेखक का आशय बस इतना सा है —
कि प्यार हर चीज़ से अलग है 💫,
हमारी सोचों से भी परे है 🌌।
इसलिए...
कभी भी मोहब्बत पर अपने फ़तय जमाने की कोशिश मत करना 🚫
वो बेकार है —
कुछ उसी तरह जैसे
आसमान को मुट्ठियों में भरना ☁️✊,
और पर्वत को पैरों से कुचलना 🏔️👣।
“किसी का होना किसी की ज़िंदगी बदल सकता है 🌟,
और किसी का खोना भी किसी की ज़िंदगी बदल सकता है 🌑।”
मैं तो बस इतना कहूंगा —
मोहब्बत की नीयत से देखा गया कांटा भी 🌹,
फूलों को चुभ नहीं सकता 🪻।
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer
Words are my way of turning silence into emotions.
Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope.
My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD.
💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul.
📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.
