यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1
हम दोनों सही थे, हम दोनों ही गलत थे… 💔🤝
उसने एक दिन बोला था...
कि कहीं ऐसा न हो
हमारे बीच आज जितना प्यार है
ये कम हो जाए 💔
बदले में मैंने जवाब दिया था —
“मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा” ❤️🔥
उसने फिर एक सवाल किया —
“मगर ऐसा हो जाए कि
मुझे तुम्हारे प्यार की इतनी आदत पड़ जाए
कि वक्त गुजरने के साथ ये प्यार ही न लगे?” 🤔💭
उस दिन मैं उसके सवाल का जवाब नहीं दे सका
और आज भी मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं है… 😞
किसी इंसान पर हम कितना काबू पा सकते हैं? 🤷
कोई कितना भी बोले
पर मुझे तो हमेशा से यही लगा
कि प्यार का मतलब
किसी को काबू करना नहीं
बल्कि उसकी उड़ान में शामिल होना है। 🕊️💫
प्यार का मतलब
ज़िंदगी की रुकावट में अपने पार्टनर के आगे की राह बनना है। 🛤️👫
प्यार का मतलब बराबरी है ⚖️
न कि किसी के हक पर हाथ जमाना। ❌✋
प्यार का मतलब
बस सरल, सुलझा हुआ और खूबसूरत अहसास है 🌸
और जो भी इसे काबू का नाम देना चाहता है
वो शायद कहीं गलत है… 🚫💘
खैर,
आपका सवाल हो सकता है —
ये कितना कामयाब है? 🤨
क्या प्यार में वफादार होना
प्यार को मुकाम तक ले जाने का आसान रास्ता है?
नहीं। 🚧
प्यार में वफादार होना
शायद किसी इम्तहान को न्योता देने जैसा हो सकता है। 📝
इसमें भी फेल होने के
आपको कई किस्से मिलेंगे… 📖
अपने शिद्दत की चाहत का
गला घोंटने वालों से
आप अच्छे से परिचित होंगे। 😔💔
मगर यकीन मानिए
आपके शिद्दत का गला घोट करके भी
कोई इंसान
आपके अंदर से मोहब्बत की पाक लौ को नहीं बुझा सकता। 🕯️🔥
कोई भी जल धारा
नौका को डुबाकर भी
मुसाफिर को साहिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। 🚣♂️🌊🏝️
आप प्यार में हार कर भी
प्यार के विजेता बनने के काबिल हो सकते हैं
अपने मोहब्बत की वफादारी में। 🏆❤️
कभी कभी सोचता हूँ —
मैंने उससे अपने दिल की सारी बातें कहीं 💌
मगर आज तक
वो क्यूँ नहीं कह पाया
जो दिल में सच में उसके लिए था… 🤐💔
शायद ये बात अगर मैंने उससे की होती
तो वो समझ पाती
कि जो इंसान हमेशा से सही रहा है
गलतियां उससे भी हो सकती हैं… 😔
वो समझ पाती
मेरी दूरियां बनाने के कारण
ताकि हम भविष्य में नजदीक हो सके… 🔮❤️
वो समझ पाती —
हम दोनों सही थे और हम दोनों ही गलत थे। ⚖️💭
इन बातों को सीधे तरीके से कहना चाहूं
तो हां —
मैंने एक गलती किया,
उससे दूर रहने की कोशिश किया। 💔😢
मगर इस लिए नहीं
कि मेरा उससे प्यार कम हो गया था
या मैं उससे बोर हो चुका था — ❌
बस इसलिए
क्योंकि वो मेरे दिमाग पर इतनी हावी हो चुकी थी
कि मैं सब कुछ छोड़
बस उसका होना चाहता था,
उसके संग होना चाहता था
और सिर्फ और सिर्फ उसमें होना चाहता था। 🫂💗
जिसका असर
अगले कुछ महीनों में
मेरे काम और मेरे रिजल्ट्स पर दिखे… 📉📚
मुझे समझ आ गया
अगर मुझे ज़िंदगी उसे संग जीनी है —
तो आज दूरियां बनानी होंगी। 🕰️🔒
मगर शायद वो न समझ सकी... 🌧️💭
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer
Words are my way of turning silence into emotions.
Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope.
My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD.
💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul.
📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.
