यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1
उस दिन... जब प्यार हुआ ❣️
मैं उस लड़की को पहले से जानता था,
जिससे एक दिन अचानक से प्यार कर बैठा। 💞
ये बात आज तक समझ नहीं आई —
कि उस दिन उसमें ऐसा क्या ख़ास दिखा था,
कि दोबारा उसके अलावा
कुछ भी ख़ास नज़र नहीं आया। 🌫️
लॉ ऑफ अट्रैक्शन के मुताबिक,
किसी का दीदार ही दिल में
मोहब्बत का कारण बनता है —
वो चाहे शारीरिक हो, या फिर व्यावहारिक। 💫
मेरी मोहब्बत का कारण शायद
वो शारीरिक आकर्षण था,
जिसने मेरी नींदें उड़ा दी थीं। 🌙💭
उस लड़की को मैंने पहले भी
कई बार देखा था,
पर उस एक दिन...
जब मुझे उससे प्यार हुआ,
शायद वैसा कभी नहीं देखा था। 💗
आज भी उसकी तस्वीर आँखों में कुछ यूँ है —
कि सादे पन्ने पर उसकी पूरी तस्वीर उकेर दूं। ✍️🖤
उस जैसी खूबसूरत लड़की
मुझे दोबारा न मिली। 🌹
कभी-कभी सोचता हूँ,
अब इन बातों को लिखने का कोई मतलब नहीं।
ये मेरे लिए बस एक दर्द है,
जो केवल इस दिल को ज़ख़्म से भर देता है। 💔🩸
मैं इन्हें दिल से निकाल
किसी कूड़ेदान में फेंक देना चाहता हूँ। 🗑️
हाँ, मेरे अंदर उसके लिए
थोड़ी भी कद्र नहीं बची है।
इन यादों से चिढ़ सी होती है मुझे... 😔
मगर क्या करूँ —
इनसे छुटकारा पाने का बस एक ही रास्ता है,
कि किसी और को मैं अपनी मंज़िल मान लूँ। 🚶♂️💭
अब तो इन दर्दों की इतनी आदत हो चुकी है,
जैसे लगता है —
ये मुझे जीना सिखा रही हैं। 🕯️
रातों में नींद से ज़्यादा करवटें हैं,
और आँखों में पनपती हुई कहानियाँ... 🌌📖
कुछ हैप्पी एंडिंग के साथ,
तो कुछ बेहद दर्द भरी,
दिल को झकझोर देने वाली। 💔😢
चोट भी लगती है, हारता भी हूँ,
और इतनी बार गिरता हूँ,
जितनी शायद रेत की घड़ी से रेत नहीं गिरती। ⏳
सब — मोहब्बत की वजह से। 💞
फिर भी,
कितनी खूबसूरत बात है न...
कि ज़िंदगी कुछ भी कर ले,
मेरे अंदर एक पल की भी निराशा नहीं है। 🌅💪
वक़्त और परिस्थितियों ने
चाहे जितनी दफ़ा हराया हो मुझे,
मैं अंदर से आज भी
किसी सैनिक की तरह तना खड़ा हूँ। 🪖🔥
हाँ... इस अकड़ ने शायद
मुझे इतना कठोर बना दिया है,
कि अगर बिखराव की कोई और आँधी
मेरे गुरूर को अब एक बार और तोड़ गई —
तो मैं सदा के लिए टूट जाऊँगा। 💔🌧️
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion
🕊️ Further Chapters of This Soulful Series
बेचैनी ❤️🔥
- कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं… जो दिल में जलते हैं, पर बुझते नहीं… 🌌
- By: Rishabh Bhatt
- वो जो आँखों से गिरे, मगर दिल से कभी निकले नहीं… 💫
- By: Rishabh Bhatt
- कभी ख्वाहिशें थीं, अब बस मुड़े हुए पन्ने हैं… 🍂
- By: Rishabh Bhatt
- जहाँ इज़हार की ज़रूरत नहीं, एहसास ही काफी है... 🌷
- By: Rishabh Bhatt
- हर अँधेरे में उसका नाम मेरी तन्हाई को उजाला दे जाता है… ✨
- By: Rishabh Bhatt
- टूटे हुए पलों की बस्ती में, बस एक उम्मीद की रौशनी बची है… 🌈
- By: Rishabh Bhatt
- कभी किसी ने पूछा — “कब तक लिखोगे?” — मैंने कहा, जब तक दिल थमे… 💌
- By: Rishabh Bhatt
- सही या गलत का सवाल नहीं, बस जज़्बातों की जंग थी… ✨
- By: Rishabh Bhatt
- लिखते हुए भी, लगता है जैसे वो हर शब्द मेरे साथ पढ़ रही हो… ✨
- By: Rishabh Bhatt
Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer
Words are my way of turning silence into emotions.
Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope.
My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD.
💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul.
📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.
