अपनों का छलावा गैरों से भी जुदा होता है,
सुना था इस जहाँ में एक खुदा भी होता है,
छोड़के जाने की बात करते थे वो हर वक्त,
उनके जाने से मालूम हुआ मजाक इतना बेहूदा होता है,
हमदर्दी की आड़ में उन्हें मिलना ही नहीं था,
वरना पुलिस भी ढूंढ लेती है जो गुमशुदा होता है,
'बाय' पर बातें खत्म हो जाती थीं हर रोज ही,
किसको पता था कि आखरी मिलन का नाम अलविदा होता है,
कपड़ों की तरह इश्क को भी बाजार में नीलाम कर देते हैं,
वही, जिनका मक़सद केवल फायदा होता है,
बंदिशो के नाम पे उन्होंने रोक रखा था मुझे,
कोई बता दे जरा, क्या इश्क करने का भी कायदा होता है?
इश्क समझ, जिम्मेदारीयों को उठाता रहा दिन-ब-दिन,
हंसने वालों ने कहा, बोझ गधे के पीठ पर ही लदा होता है,
जिनके ख्वाहिशों में कोई और चांद आ गया हो,
उनका करवा चौथ करना बस फ़र्जअदा होता है,
सितमगर निगाहों से इश्क बता, जहर पिला दी उन्होंने,
क्या जुल्म इससे भी गहरा कोई बखुदा होता है?
अपनों का छलावा गैरों से भी जुदा होता है,
सुना था इस जहाँ में एक खुदा भी होता है।
- ऋषभ भट्ट ( क़िताब : मैं उसको ढूढूंगा अब कहां?)