Aashiqon Ki Gali Me 🍁 – Romantic Poetry Playlist | Rishabh Bhatt

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Aashiqon Ki Gali Me
इस playlist में हैं मोहब्बत, टूटे दिल, रोमांस और गहरी भावनाओं की कविताएँ। हर season आपको ले जाता है अलग एहसासों की दुनिया में—दिल से लिखे शेर, अनकहे जज़्बात और यादों की नमी। हर कविता आपको छू जाएगी, कभी हल्की मुस्कान देगी, कभी दिल की खामोशी की गूंज सुनाएगी। पढ़िए, महसूस कीजिए और उन लम्हों में खो जाइए, जो हर दिल ने कभी महसूस किए हैं।
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Season 3
एक आज उसे फिर कर जाएं
अगर तन्हाई में मेरी सफर मिल जाए उसको, मैं चलना बंद कर दूंगा कदम आखरी रखके...
याद
अश्क फूल बन बाखुदा जिसको चढ़ाती है मेरी, क्या अब भी तुमको याद आती है मेरी?
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आदत
तेरी होंठों को रूहों से लगाने की आदत, गुमराहट की आंधियों में लड़खड़ाने की आदत...
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कल न जाने, हो क्या कल?
बाहों में गर्मी आने दे, बेशर्मी थोड़ी छाने दे, मन पाक हमारे यारा, तूं गंगा मैं यमुना चंचल...
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खूबसूरती और तुम
क्योंकि हजारों खूबसूरत शब्द मिलकर अगर कोई एक शब्द बनता है “तो वो हो तुम...”
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आराम तूं वही
था दूर मैं भले ही, तुझे आंखों ने जा छुआ, हर सांस प्यासी मेरी, तूं एहसास भीगा हुआ...
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Artist लालची होते हैं
आर्टिस्ट अपने फ़ायदे के लिए किसी चीज़ को नहीं छोड़ते थोड़े लालची जो होते हैं...
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गोद में सिर रखके तेरी
चांद चमक में जितनी ठहरी, उतना ही तेरा होना था, गोद में सिर रखके तेरी मुझको सोना था...
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तुम्हें लौट कभी तो आना है
तेरे चाल बदलने से जाना, हर मंज़िल नाता तोड़ गया, पानी से तराशे थें नूर तुझे, प्यासा ही मुझे तूं छोड़ गया...
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तूने बात कर लिया धीरे से
तन–चितवन में आग लगी रे, मैं लड़ती शम्मा–अंधेरे से, मैंने एक नज़र क्या देखी तुझको, तूने बात कर लिया धीरे से...
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Season 2
जो इश्क़ लिखा है मैंने
मैं टूट गया हूं इतना तुम जख्म कभी न भर पाओगे, जो इश्क़ लिखा है मैंने बस किसी और को पढ़के सुनाओगे...
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हम तुमसे प्यार करते
तुम्हारी लम्हों में हम खुद को निसार करते, जब-जब भी होती बारिश हम मौसम बहार करते...
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मैं फिर भी तेरा यार हूं
जो सो सके सुकून में, तू दिल को यूं जुनून दे, इक इश्क़ की बेबसी हजार हूं, मैं फिर भी तेरा यार हूं...
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मैं जब तक जिऊं तुम्हारे लिए ही
पीने की ख्वाहिश में बुझ जाएं रातें, मैं निकलूं अगर इश्क़ की बंदगी से...
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मेहंदी की एक शाम
आधी अधूरी ज़िंदगी की डोर तुम पूरी बनो, मांगू ख़ुदा से मन्नतें ऐसी दुआ तुम मेरी बनो...
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क्यूं आज मैं मोहब्बत...
नज़र के सामने ला तुझको, हर बंदिशें पार करना चाहूं, क्यूँ आज मैं मोहब्बत, फिर एक बार करना चाहूं?
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याद आया न करो
दीवारें भर लो अपने कमरे की सजावट से, मुझे भरने का सलीका सिखाया न करो...
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नहीं तुम दूर होना
जिंदगी में चीज़ों की कीमत मिलने के बाद, और इंसानों की कीमत बिछड़ने के बाद पता चलती है, अब पसंद उनकी...
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तू जुनू के आग सी
जाम होंठों से लगा मैं, स्वाद तेरा पा रहा हूँ, खा अफ़ीमों को नहीं, इश्क़ में मैं लड़खड़ा रहा हूँ...
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जब सफ़र भी तू
मेरी जान ये सुरूर सिर्फ मेरा है या तुम भी इसमें शामिल हो? जितना पागल मैं हूँ, क्या तुम भी उतनी ही पागल हो?
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Season 1
ख़ुशियाँ भले ही चली जाएं
“ख़ुशियाँ ख़ुशनासीबी का एक धोखा हैं।” आशिक़ी के साथ हमेशा खड़ा रहने वाला तो दर्द ही है...
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वो पहली शाॅपिंग जो मैंने तुम्हारे लिए किया
उस एक रात में न जाने क्या से क्या हो गया, ये दिल जो हमेशा से तुम्हारा था, उस दिन सच में तुम्हारा हो गया...
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तुम्हारी सुकून भरी एहसासों में
मेरे सर्ट पर अटके तुम्हारे बाल ये गवाही देते हैं, कि नींदों में आकर तुम मेरी बाहों से लिपट गई थी...
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तूं मिल गई मुझसे इक ख़्वाब में
बाहों में खाली उम्मीद भी नहीं, लेकिन तसल्ली है कि वो हर शाम मुस्कुराती है...
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किन्हीं ख्वाबों की तरह
आज भी बंजारों का एक काफ़िला तेरी गली से होकर गुज़र रहा था, और एक पल ऐसा लगा कि वहीं तुझमें ठहर जाऊँ...
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क्योंकि आज मेरी शादी है
शाम-ओ-सहर के ख़्वाब में मैंने सजाएँ चाँद जो, उतरा ज़मीन पर, आज है मुझमें धड़क चल पास वो...
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कि आदमी चांद पर जा पहुंचा
लेकिन यादों की वो असरफ़ी जिस पर तुम्हारा भी हक़ नहीं है, मेरे पास आज भी सलामत है...
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मैंने तुममें अपना ईश्वर पा लिया
जब भी मैं तुममें गौरी को देखता हूँ, तो शिव मुझे अपने आप ही मिल जाते हैं...
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कुछ यूं ही है मेरी आशिकी
हर मोड़ पर तेरी वापसी शतरंज के इस खेल में एक वक्त बनकर तुझे जीतना चाहती है...
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बगावत-ए-इश्क
जिसका ताप बादशाही हतकड़ियाँ एक पल भी सहन नहीं कर सकीं, शायद... आने वाला कल हमारे लिए भी ऐसा हो...
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Author
Rishabh Bhatt

यह सिर्फ एक सीरीज़ नहीं, इश्क़ की गलियों में लिखा गया सफ़र है। जहाँ हर मोड़ पर एक कहानी बसती है—कहीं अधूरी चाहतों की खामोशी, कहीं बिछड़ने की आह, और कहीं मिलने की दुआ।
हर शेर, हर पंक्ति दिल से निकली है… और उसी दिल तक पहुँचने के लिए लिखी गई है।
इस सीरीज़ की ज़्यादातर कविताएँ Amar Ujala Kavya पर भी प्रकाशित हैं, और इनमें शामिल कई रचनाएँ मेरी किताबों — मेरा पहला जुनूं इश्क़ आख़री, क़समें भी दूँ तो क्या तुझे?, मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ... से ली गई हैं, और कुछ मेरी आने वाली किताबों में भी आपको फिर से महसूस होंगी।
मैं profession से एक Engineer हूँ, लेकिन by soul एक Poet and Author। मेरे शब्दों की दुनिया इश्क़, एहसास और खामोशियों से भरी है — जहाँ मैं हर लम्हे को शब्दों में कैद कर देने की कोशिश करता हूँ।
मेरी किताबें Amazon, Flipkart, Notion Press, Pothi.com और दुनिया भर के सैकड़ों प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।
“आशिक़ों की गली में” सिर्फ कविताएँ नहीं हैं — ये उन दिलों की धड़कनें हैं जो अब भी मोहब्बत पर यक़ीन करते हैं।
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