ज़िन्दगी

  urdu poetry, urdu nazmain on love, urdu poems on love, zindagi poetry in hindi, hindi quotes love, urdu poetry in hindi, romantic shayari for gf


हक है मेरा तुझपे
फजीहत क्यूं करती है ज़िन्दगी ?
मैं देखता हूं तुझे
तो औरों के आंखों की मरती है क्यूं ज़िन्दगी ?
तुझमें कोई रम्ज़ है
जिसको भाती है ज़िन्दगी,
नुक्स ज़माने की लेकर
मेरे पास क्यूं आती है ज़िन्दगी ?
ख्यालात इक ज़हन में...
है क्यूं डरी ज़िन्दगी ?
जब मैं तेरा हूं
और तुम हो मेरी ज़िन्दगी,
हो गई इतनी जवां
कि इश्क़ से रवां लेती नहीं ज़िन्दगी,
मांगता हूं तुझे
फिर क्यूं मुझे देती नहीं ज़िन्दगी ?
मुद्दत-ओ-शौक में
तुम-ही-तुम हो बसी ज़िन्दगी,
सोचता हूं मेरे हर ग़म की
तुम-ही-तुम हो खुशी ज़िन्दगी,
हैरतअंगेज ज़माने की कहानियों में
बड़ी मगरुर है ज़िन्दगी,
इतनी ! कि आज मैं तुझसे
और तू मुझसे दूर है ज़िन्दगी।


- S. Rishabh Bhatt

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.