दिल से निकली ये दुआ तुमको है सुनाना,
सदा खुश रहो तुम घर जो भी बसाना,
मेरे रोने में खुशी है आंशुओं पे न जाना,
सदा खुश रहो तुम घर जो भी बसाना।
बजी है तेरे बिन बहारों की शहनाई,
कोई चीज अपनी थी जो हुई है पराई,
सभी के गम में रोते हैं आंसू,
ख़ुशी से दिल ये भिगोते हैं आंसू,
तुम्हें देखकर हंसने का मैं कर लूंगा बहाना,
मेरे रोने में खुशी है आंशुओं पे न जाना,
सदा खुश रहो तुम घर जो भी बसाना।
तू किस्मत में नहीं फिर भी खुदा से गुहार करता हूं,
कल भी प्यार करता था आज भी प्यार करता हूं,
यादों में कट जाएंगे जमाने ये प्यार के,
कंधे पर हाथ रख अपने किसी यार के,
तुम चली जाओ फिर लौटके न आना,
मेरे रोने में खुशी है आंशुओं पे न जाना,
सदा खुश रहो तुम घर जो भी बसाना।
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
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