उस दिन... जब प्यार हुआ ❣️ – Rishabh Bhatt | Yaadon Ki Khidki Se Series

A poetic glimpse into emotions, silence and forgotten memories. Perfectly capturing the essence of Rishabh Bhatt’s soulful poetry series “Yadon Ki Khidkiyo Se”. 🌙🖋️

यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1

Middle Background

उस दिन... जब प्यार हुआ ❣️
मैं उस लड़की को पहले से जानता था, जिससे एक दिन अचानक से प्यार कर बैठा। 💞 ये बात आज तक समझ नहीं आई — कि उस दिन उसमें ऐसा क्या ख़ास दिखा था, कि दोबारा उसके अलावा कुछ भी ख़ास नज़र नहीं आया। 🌫️ लॉ ऑफ अट्रैक्शन के मुताबिक, किसी का दीदार ही दिल में मोहब्बत का कारण बनता है — वो चाहे शारीरिक हो, या फिर व्यावहारिक। 💫 मेरी मोहब्बत का कारण शायद वो शारीरिक आकर्षण था, जिसने मेरी नींदें उड़ा दी थीं। 🌙💭 उस लड़की को मैंने पहले भी कई बार देखा था, पर उस एक दिन... जब मुझे उससे प्यार हुआ, शायद वैसा कभी नहीं देखा था। 💗 आज भी उसकी तस्वीर आँखों में कुछ यूँ है — कि सादे पन्ने पर उसकी पूरी तस्वीर उकेर दूं। ✍️🖤 उस जैसी खूबसूरत लड़की मुझे दोबारा न मिली। 🌹 कभी-कभी सोचता हूँ, अब इन बातों को लिखने का कोई मतलब नहीं। ये मेरे लिए बस एक दर्द है, जो केवल इस दिल को ज़ख़्म से भर देता है। 💔🩸 मैं इन्हें दिल से निकाल किसी कूड़ेदान में फेंक देना चाहता हूँ। 🗑️ हाँ, मेरे अंदर उसके लिए थोड़ी भी कद्र नहीं बची है। इन यादों से चिढ़ सी होती है मुझे... 😔 मगर क्या करूँ — इनसे छुटकारा पाने का बस एक ही रास्ता है, कि किसी और को मैं अपनी मंज़िल मान लूँ। 🚶‍♂️💭 अब तो इन दर्दों की इतनी आदत हो चुकी है, जैसे लगता है — ये मुझे जीना सिखा रही हैं। 🕯️ रातों में नींद से ज़्यादा करवटें हैं, और आँखों में पनपती हुई कहानियाँ... 🌌📖 कुछ हैप्पी एंडिंग के साथ, तो कुछ बेहद दर्द भरी, दिल को झकझोर देने वाली। 💔😢 चोट भी लगती है, हारता भी हूँ, और इतनी बार गिरता हूँ, जितनी शायद रेत की घड़ी से रेत नहीं गिरती। ⏳ सब — मोहब्बत की वजह से। 💞 फिर भी, कितनी खूबसूरत बात है न... कि ज़िंदगी कुछ भी कर ले, मेरे अंदर एक पल की भी निराशा नहीं है। 🌅💪 वक़्त और परिस्थितियों ने चाहे जितनी दफ़ा हराया हो मुझे, मैं अंदर से आज भी किसी सैनिक की तरह तना खड़ा हूँ। 🪖🔥 हाँ... इस अकड़ ने शायद मुझे इतना कठोर बना दिया है, कि अगर बिखराव की कोई और आँधी मेरे गुरूर को अब एक बार और तोड़ गई — तो मैं सदा के लिए टूट जाऊँगा। 💔🌧️ 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion

🕊️ Further Chapters of This Soulful Series

बेचैनी ❤️‍🔥
  • कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं… जो दिल में जलते हैं, पर बुझते नहीं… 🌌
  • By: Rishabh Bhatt
ख़्वाबों की तासीर 🌒
  • वो जो आँखों से गिरे, मगर दिल से कभी निकले नहीं… 💫
  • By: Rishabh Bhatt
कागज़ के एरोप्लेन ✈️
  • कभी ख्वाहिशें थीं, अब बस मुड़े हुए पन्ने हैं… 🍂
  • By: Rishabh Bhatt
उसका एक लाइक 💖
  • जहाँ इज़हार की ज़रूरत नहीं, एहसास ही काफी है... 🌷
  • By: Rishabh Bhatt
बिछड़ाव की रौशनी 🌙
  • हर अँधेरे में उसका नाम मेरी तन्हाई को उजाला दे जाता है… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
वो गई... और मैं रह गया 🕊️
  • टूटे हुए पलों की बस्ती में, बस एक उम्मीद की रौशनी बची है… 🌈
  • By: Rishabh Bhatt
आशिक़ी की खामोशी 🖤
  • कभी किसी ने पूछा — “कब तक लिखोगे?” — मैंने कहा, जब तक दिल थमे… 💌
  • By: Rishabh Bhatt
हम दोनों सही थे, हम दोनों ही गलत थे 💔
  • सही या गलत का सवाल नहीं, बस जज़्बातों की जंग थी… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
मोहब्बत की स्याही 🖋️
  • लिखते हुए भी, लगता है जैसे वो हर शब्द मेरे साथ पढ़ रही हो… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer Words are my way of turning silence into emotions. Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope. My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD. 💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul. 📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.

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