आशिक़ी की खामोशी 🖤 – Rishabh Bhatt | Yaadon Ki Khidki Se Series

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यादों की खिड़कियों से 🪟 : Season–1

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आशिक़ी की खामोशी 🖤
उसकी आवाज़ कानों में कुछ ऐसी गूंजती है 🎶, जैसे अभी कल की ही बात हो उससे बात किए हुए 🕰️। खैर... बता दूं, उसे गए तीन साल हो चुके हैं 🗓️। इन करीब ग्यारह सौ दिनों में शायद ही उसने मुझे कभी याद किया हो 🤔, और शायद ही कोई पल हो जब मैंने उसे न याद किया हो 💭💔। सोचता हूं — कभी उससे बात हुई तो यूं पेश आऊंगा, जैसे हमारी आख़िरी बात कल ही हुई थी 📝, और कल से आज में कुछ भी नहीं बदला 🔄। एक बार के लिए वो भी आश्चर्य से, निशब्द होकर 😶 इतना तो जरूर सोचेगी — कि उसके जाने से शायद मेरी ज़िन्दगी वहीं रुक गई थी, जहां वो छोड़ कर गई थी 🕊️। फिर सोचता हूं — अगर मुझे उस ऊपर वाले से कोई एक विस मिली 🙏, तो मैं बस इतना मांगूंगा — कि मेरी उससे कभी कोई मुलाक़ात न हो ❌👋। समझ नहीं आता, मैं उससे प्यार करता हूं ❤️ या नफ़रत 💔? मेरे अंदर उसके जाने की नाराज़गी 😤 है या उसके वापस न आने का ग़म 😢? मेरे इन सवालों का जवाब शायद मैं अच्छे से जानता हूं... फिर भी ये दिल हर बार 💓 इन्हीं सवालों का पन्ना मेरे सामने खोल देता है 📖, और जवाब देने में मैं उलझ जाता हूं 😞। कुछ लोगों की कहानियां सुनता हूं 🎧, तो पता चलता है — ये सिर्फ मेरी नहीं, हजारों, लाखों लोगों की आपबीती है 🌍। केवल मैं ही नहीं इस अकेलेपन में... इस अकेलेपन ने न जाने कितनों का कंधा थाम रखा है 🤝, न जाने कितनी ठहरी जिंदगियों के धड़कनों को 💓 इस अकेलेपन में सुनाई देने वाली अपनेपन की आवाज़ ने सहेज रखा है — जो मेरे जैसे हैं 🕯️। “हर ख़ता की होती है कोई न कोई सज़ा” — किसी गाने की बड़ी खूबसूरत लाइनें हैं 🎵। अपने अतीत में झांक मैंने कई कोशिश की 🔍 अपनी उस ख़ता को ढूंढने की, जिसने उसे मुझसे हमेशा के लिए अलग कर दिया ❌💑। ढेर सारे वजह दिखे — इनमें खास बात ये थी कि एक वक़्त पहले यही वजह आसानी से सुलझ जाते थे 🧩, मगर उस दिन नहीं सुलझे, जिस दिन इन्हें सुलझने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी 🕰️💔। तभी तो उस गाने की अगली लाइन इस हकीकत को और भी खूबसूरती से पूरा करती है — “ग़म लिखे हों किस्मत में, तो बन ही जाती है कोई वजह” 🌧️. यानी जिसकी तक़दीर पर ही ग़म का साया चढ़ चुका हो, उस मोहब्बत का रंग कब तक गुलाबी रहेगा 🌸? फिर भी... मानना पड़ेगा आशिक़ी के उस गुरूर को 😌 — जो आंसुओं में मुस्कुराहट ढूंढ लाती है 😊, और हर नशे में भी 🍷 सीधा खड़े होने का जज़्बा ढूंढ लेती है 💪। टूटे हुए दिल ने उम्मीदों को तोड़ इतना तो बता दिया 💔 — कि कोई नहीं आएगा तुम्हें सहारा देने 🫂, तुम्हें खुद के पैरों पर ही खड़ा होना होगा 🏃‍♂️, हालात चाहे जैसे भी हों 🌪️। उसका हाथ मेरे हाथों में कुछ ऐसे था 🤲❤️ — कि सारी दुनिया मेरे विपरीत होती 🌍❌, तो भी मैं लड़ जाता ⚔️। मगर जब उसी ने हाथ छोड़ मुझसे मुंह फेर लिया 😔, तो लड़ाई ही किस बात की बची थी? मैंने भरी आंखों में घुटने टेक दिए 😢🙏 — यूँ ही जैसे कभी पाकिस्तानी सैनिकों ने बांग्लादेश में भारत के सामने घुटने टेके थे 🪖। ये जानते हुए भी, कि इस बात का अब कोई मतलब नहीं ❌ — फिर भी मैं हर रोज़ ✍️ उस इंसान को लिखने बैठ जाता हूं, जिसने अपने सफर में मुझे कब का पीछे छोड़ दिया है 🚶‍♀️💨। फिर भी मैं उसे लिखता रहता हूं... ✍️ किसी ने मुझसे सवाल किया — “ऐसा कब तक चलेगा?” 🤷‍♂️ मैंने जवाब दिया — “दिल में उसकी यादों के थम जाने तक 💌, या फिर दिल ही को थम जाने तक 💓...” 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion

🕊️ Further Chapters of This Soulful Series

बेचैनी ❤️‍🔥
  • कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं… जो दिल में जलते हैं, पर बुझते नहीं… 🌌
  • By: Rishabh Bhatt
ख़्वाबों की तासीर 🌒
  • वो जो आँखों से गिरे, मगर दिल से कभी निकले नहीं… 💫
  • By: Rishabh Bhatt
कागज़ के एरोप्लेन ✈️
  • कभी ख्वाहिशें थीं, अब बस मुड़े हुए पन्ने हैं… 🍂
  • By: Rishabh Bhatt
उसका एक लाइक 💖
  • जहाँ इज़हार की ज़रूरत नहीं, एहसास ही काफी है... 🌷
  • By: Rishabh Bhatt
बिछड़ाव की रौशनी 🌙
  • हर अँधेरे में उसका नाम मेरी तन्हाई को उजाला दे जाता है… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
वो गई... और मैं रह गया 🕊️
  • टूटे हुए पलों की बस्ती में, बस एक उम्मीद की रौशनी बची है… 🌈
  • By: Rishabh Bhatt
उस दिन... जब प्यार हुआ ❣️
  • उस दिन से, हर धड़कन उसका नाम लेती है… 💖
  • By: Rishabh Bhatt
हम दोनों सही थे, हम दोनों ही गलत थे 💔
  • सही या गलत का सवाल नहीं, बस जज़्बातों की जंग थी… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
मोहब्बत की स्याही 🖋️
  • लिखते हुए भी, लगता है जैसे वो हर शब्द मेरे साथ पढ़ रही हो… ✨
  • By: Rishabh Bhatt
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer Words are my way of turning silence into emotions. Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope. My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD. 💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul. 📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.

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