बारिश का फीका पानी नशीला था उन दिनों,
तुम बरसी थी मुझपे
मैं भीगा था महीनों,
खाली कागज़ों को उन दोबारा यार भरते हैं,
चलो ना! हम फिर से प्यार करते हैं...।
दस्तानों के ख़त्म होने से ख़त्म होने वाला नहीं,
मैं पूरा खाना हूं,
सिर्फ निवाला नहीं,
मरासिम कभी टूट जाए उम्र, सांस ठहरते हैं,
चलो ना! हम फिर से प्यार करते हैं...।
तलाश रहीं हैं आँखें तेरी, वो ख़्वाब तुम्हारा हूं मैं,
ढलने दो ये शाम दबी,
कोई चांद तुम्हारा हूं मैं,
अंजान थे तेरे आने से, पर जाने से डरते हैं,
चलो ना! हम फिर से प्यार करते हैं...।
उंगलियों पे हैं बंदिशें किसकी तुम्हारी?
दरीचा खोलने को–
मैं भेज दूंगा फिजाएं सारी,
घंटों इश्क़ में तेरे हम यार संवरते हैं,
चलो ना! हम फिर से प्यार करते हैं...।
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
यह कविता किताब से — “Kasmein Bhi Du To Kya Tujhe?”
इस किताब में दर्द, मोहब्बत और यादों की गहराई को हिंदी–उर्दू नज़्मों और कविताओं में सजाया गया है।
हर पन्ने पर वो एहसास है जो दिल को छू जाए — कभी सन्नाटा, कभी मोहब्बत, कभी बिछड़ने की कसक।
About the Author
ऋषभ भट्ट एक ऐसा नाम है जो जज़्बातों को अल्फ़ाज़ में ढालना जानता है।
हिन्दी, अंग्रेज़ी और उर्दू – तीनों ज़ुबानों में लिखते हुए इन्होंने मोहब्बत, तन्हाई, ख्वाब, जज़्बा और इतिहास जैसे रंगों को अपनी किताबों में समेटा है।
अब तक के सफ़र में इन्होंने 9 किताबें दुनिया के सामने पेश की हैं –
“मेरा पहला जुनूँ इश्क़ आख़िरी”, “Unsaid Yet Felt”, “सिंधपति दाहिर 712 AD”, “नींद मेरी ख्वाब तेरे” जैसी किताबें उनके नाम को एक अलग पहचान देती हैं।
पेशा से इंजीनियर, लेकिन रूह से शायर, उनकी किताबें सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं बल्कि दिलों की धड़कन हैं।
आज उनकी रचनाएँ Amazon, Flipkart, Google Play Books, Pothi.com और Notion Press जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर दुनिया भर के पाठकों तक पहुँच रही हैं।
✨ सफ़र अभी जारी है… और अल्फ़ाज़ की ये कहानी आने वाले वक्त में और भी किताबों का रूप लेगी।