हम दोनों कुछ दिन के लिए ही मिलें —
लेकिन
वो ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत पल था।
अब
अगली मुलाकात का इंतज़ार है,
और
मोबाइलों वाला प्यार यूं ही चलता रहे...।
तुम्हारी फ़िक्र होती है,
जब भी कोई तुम्हारी बातें करता है —
मैं उसे एहसासों में डूबकर सुनता हूं,
होठों पे अजीब सी ख़ुशी आ जाती है।
यही ख़ुशी मैं
तुम्हारे चेहरे पर देखना चाहता हूं...।
मेरी आंखों में
तुम्हारी कई तस्वीरें हैं,
हंसते हुए पलों में
तुम सबसे खूबसूरत लगती हो।
तुम्हें छूने के एहसासों के उन मंज़र में —
मैं तुम्हें अपने बेहद क़रीब पाता हूं।
तुम मेरे लिए इतनी ख़ास क्यों हो?
इसकी कोई वजह नहीं...
बस मैं तुम्हें
बेवजह प्यार करता रहूं,
यही मेरे दिल की आवाज़ है।
तुम्हें आदतों में उतार लिया मैंने,
ये प्यार
तुमने ही दिया है।
तुम प्यार की ऐसी नींद हो —
कि बिना सोए
मेरी कई रातें जाग सकती हैं...।
एक रात वो भी होगी —
जब
तुम मेरी आंखों के सामने रहोगी,
मैं तुम्हें अपने सबसे क़रीब कर लूंगा...।
जब से मेरी नज़रों ने
तुम्हारी नज़रों को उस नज़र से देखा,
तब से इन नज़रों ने
किसी और की नज़रों को
उस नज़र से नहीं देखा...।
तुम मेरा प्यार हो,
और सिर्फ़ मेरी हो...। ❤️
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion