मेरे ख़्वाब में इक ऐसी रात हो
नींदों में जहां तुम मेरे पास हो,
दिल की हर दुआ तुझसे आ मिले
मिल जाऊं तुझी में...
हम इतने पास हों।
होके बेपनाह तेरे इश्क़ में
मैं चूम लूं समय,
तुम इतने पास हों।
दिन में चार चांद ..... यूं यादों के बारात,
आंखों से निकाह .... कर लूं
तुम इतने पास हों।
मैं हो जाऊं फ़ना .... तेरे इश्क़ में
मेरी ज़िन्दगी में इतनी खास हो,
तुम दिल से धड़कने .... धड़कनों से सांस हों,
सांसों में सुकून.... हवाओं के जितने पास हों,
ऐसी रूह ले.... मैं मिल जाऊं तुझी में,
हम इतने पास हों।
मेरे दिल में तेरी धड़कन हो,
तेरे दिल में मेरे एहसास हों,
हम इतने पास हों।
रेत से समय .... समय से एहसास हो,
एहसासों में करवटें .... नींदों के जितने पास हों,
ऐसी रात में .... मिल जाऊं तुझी में,
हम इतने पास हों।
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion