तमन्ना-ओ-दीदार में तेरे हुस्न की खुशबू है
मेरे बगीचे में कोई फूल नहीं
फिर भी महक़ आ रही है
अब आ जाओ ना....
वो राहें जिन पर हम दोनों ने
साथ चलने का वादा किया था
तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं
अब आ जाओ ना....
छत से दिखतें हर तारें
जिन्हें तुम उंगलियां दिखाती थी
तुम्हें ढूंढ रही हैं
अब आ जाओ ना....
आवाज़-ए-इश्क थमी धड़कनों से
सदाओं की गूंज बनकर
तुम्हें बुला रही हैं
अब आ जाओ ना....
मेरी सुबहों में शाम हो चुके हैं
चमकते तारें गुमनाम हो चुके हैं
पूनम की रातों में चांद बनकर
अब आ जाओ ना....
जबर्दस्ती नहीं, पूरा भरोसा है
तुम्हारे प्यार पर
मगर मेरी जिंदगी की उम्र थोड़ी छोटी है
अब आ जाओ ना....
एहसासों की बूंद बनकर
तुम्हें पैग़ाम कर रहा हूं
ख़ुदा से दुआ है ये बारिश तुम्हें भिगा सकें
अब आ जाओ ना....
मेरी आखरी लफ़्ज़ कि मैं प्यार करता हूं तुमसे
तन्हाइयों में मौत की आंधी
मुझे ले जाए, उससे पहले
अब आ जाओ ना....
- S. Rishabh Bhatt