ये गलत है...!!


क्योंकि मैं तुमसे इश्क करता हूं 

इसलिए तुम भी मुझसे इश्क करो, ये गलत है।

क्योंकि मेरी हर सुबह तुम से शुरु होती है 

इसलिए तुम्हारी शामें मुझपे खत्म हों, ये गलत है।

क्योंकि मैं तुम्हारे लिए अपने हर ख्वाब बुनता हूं 

इसलिए तुम मुझे चुनो, ये गलत है।

 

क्योंकि मैं अपने सारे गम तुम्हारे हसी के लिए भूल जाता हूं 

इसलिए तुम्हारी मुस्कान मेरे लिए हो, ये गलत है।

क्योकि मेरी दुआएं खुदा से पहले तुम्हारे लिए उठती हैं 

इसलिए तुम्हारी फरियाद में मैं रहूं, ये गलत है।

क्योंकि मैं हर बरसात में तुझमें डूबना चाहता हूं 

इसलिए तुम एक बूंद बनकर मुझपे बरसो, ये गलत है।

 

क्योंकि मैं तुम्हारे इंतजार में हर शाम गलियों गुजरता हूं 

इसलिए तुम्हारी रवानगी मेरे लिए हो, ये गलत है।

क्योंकि मेरी हर उम्मीद में सिर्फ तुम होती हो 

इसलिए तुम्हारी आशाएं मुझसे जुड़ीं हो, ये गलत है।

क्योंकि मैं अपने हर ख्वाहिश में तुम्हें मांगता हूं 

इसलिए तुम्हारी कोई भी ख्वाहिश मेरे लिए हो, ये गलत है।

 

क्योंकि इस गुजरते आज में मैं तुम्हें जीना चाहता हूं 

इसलिए तुम्हारे कल में भी मैं रहूं, ये गलत है।

क्योंकि मैं अपने हर दर्द को तुम्हारी खुशी के लिए जीता हूं 

इसलिए तुम्हारी खुशी मेरे लिए दर्द सहे, ये गलत है।

क्योंकि मेरी तड़प तुझसे हर वक्त कुछ कहना चाहती है 

इसलिए तुम मेरी हर बात सुनो, ये गलत है।

 

क्योंकि मैं अपने नींद में भी तुम्हें देखता हूं 

इसलिए तुम्हारी रातें मेरे लिए जागें, ये गलत है।

क्योकी मैं तुम्हारे इश्क को अपना जहान मानता हूं 

इसलिए तुम किसी जन्नत से अन्जान रहो, ये गलत है।

क्योंकि मेरी कलम सिर्फ तुम्हारे लिए लिखती है 

इसलिए तुम भी केवल मुझे पढ़ो, ये गलत है।

 

क्योंकि मैं तुमसे इश्क करता हूं 

इसलिए तुम भी मुझसे इश्क करो, ये गलत है।

 

- Rishabh Bhatt

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