Yaad Aaya Na Kro...
मैं भूल जाऊंगा तुम्हें, तुम यादों में आया न करो,
सादी भी कर ली अपनी अब तो मुझे सताया न करो,
चांद तारे मांगो अपने उससे ही,
मेरी तन्हाइयों को मुझसे चुराया न करो,
तुम्हारी हंसी ही काफी है तसल्ली के लिए,
मेरी तसल्ली के लिए ही सही मुरझाया न करो,
आंखें मिलाई तो मैं गुम हो जाऊंगा,
तुम्हें देख कुछ बोलूंगा ये आजमाया न करो,
खट्टा मालूम है तुझे बेहद पसंद था,
इमली मगर इस तरह सामने खाया न करो,
मेरे दर्द से रूबरू न हो सको,
तो बेवजह हंसाया न करो,
जो परफ्यूम मुझको अज़ीज़ थी,
उसके लिए भी वो लगाया न करो,
मोहब्बत से भरा हूँ लबालब,
अधूरा हूं ये किसी से बताया न करो,
मेरे किस्से में तुम ही तुम हो सच है,
पर मेरी कहानी को अपनी बताया न करो,
तुम्हारी हसरतों में है तो कोई,
मेरी हसरतों की खिल्ली उड़ाया न करो,
कागज का ख़्वाब हूं जल जाऊंगा,
माचिस की तिल्ली तुम जलाया न करो,
क़दम कहीं भी ले जाएं तुमको तुम्हारी,
उसके साथ मेरे गलियों में आया न करो,
पति परमेश्वर है तुम्हारा,
मेरे मंदिर से पर मूर्ति अपनी ले जाया न करो,
बेखबर हूं तेरी रुखसत से,
कमी से अपनी रूबरू कराया न करो,
मेरे बाहों में तकिया है केवल तोह क्या,
तुम भी अहसास बनकर आया न करो,
दीवारें भर लो अपने कमरे की सजावट से,
मुझे भरने का सलीका सिखाया न करो,
खुले बाल उड़ते हैं तुम्हारे हवा से,
मैं कब तक कहूंगा हवाओं से उड़ाया न करो,
क्या तुम्हारा पति कहता है?
बाल बाँधकर मेरे सामने आया न करो?
मगरूरियत को मेरा पेशा बताया न करो,
मैं तुम्हारे पीछे पड़ा हूँ इल्ज़ाम मुझपे लगाया न करो।
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion