Main Usko Dhoodhunga Ab Kaha | Author – Rishabh Bhatt

RishNova Presents

Main Usko Dhoodhunga Ab Kaha?

Written by Rishabh Bhatt
Publisher Dil Ki Boli Publication 

ASIN: B0D6WLCP76

Publishing Year: 2024

Genre: Poetry

📖 Prefect Paperback
Price : ₹350
📕 Prefect Paperback
Price: ₹450
💫 About the Book 

एक लड़का रात होते ही अपनी बालकनी में आता और तारों को देखता, उनसे बातें करता। ये सिलसिला महीनों तक चलता रहा। एक दिन ऐसा हुआ कि उस लड़के का पसंदीदा तारा टूटकर आसमान में बिखर गया। टूटते तारों से मुरादे करना मेरी और आपकी आदत है। वो तारा भी देखते ही देखते किसी और की ख्वाहिश बन गया और वो लड़का हमेशा के लिए अकेला रह गया। 
अकेलापन, यहां से शुरु होती है वो कहानी जो मेरे और आपके हाथों में है। किसी की याद में हम वो सारी बातें लिख सकते हैं, कह सकते हैं, जो उसके होने पर शायद जाहिर भी नहीं कर पाते। ये किताब एक रात की तरह है जिसकी उम्मीदों की शाम तो हर रोज होती है लेकिन ख्वाइशों का सवेरा किसी आसमान में खो गया। आज साइंस इतना आगे बढ़ चुका है कि हम टेलीस्कोप से मिलो दूर किसी चीज को ढूंढ सकते हैं लेकिन कोई ऐसा माइक्रोस्कोप नहीं बन पाया जो दिल का टूटा हुआ हिस्सा बता सके। कोई ऐसा डॉक्टर नहीं है जो दिल में हुए जख्म को भर सके और न कोई ऐसी दुआ है जो टूटे हुए तारों को वापस जोड़ सके। फिर भी कहते हैं न कि वक्त पानी की तरह बहता हुआ अपना रस्ता ढूंढ़ ही लेता है। इसी क्रम में मुझे जो बहाव मिली वो थी मेरी कलम की स्याही।


‘कुदरत उसी को कुछ देती है जिसकी तैयारी पूरी होती है’ किसी ने बड़े फतेह की बात कही है। पर मेरी कौन–सी तैयारी है ? ये सवाल मेरे मन में था और इसका जवाब मिलने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगा। इश्क़ होना मेरे फतेह की पहली सीढी थी। इश्क़ को जीना कुदरत का सबसे हसीन तोहफा था, और इश्क में अलग होना मेरे फतेह की आखिरी सीढ़ी थी। इसी दौरान मैंने देखा कि इश्क और बगावत दो नहीं, बल्कि एक दूसरे से वैसे ही जुड़े हैं जैसे दिन के साथ उजाला और रात के साथ अंधेरा। वरना रोमियो जूलियट को बचाने कभी उस बगीचे में नहीं जाता जहां किस्मत ने उसके लिए मौत लिखी थी। खैर! जो भी हो, इश्क़ और दर्द दोनों ने मुझे आपसे जोड़ा। वो लड़का जिसके ख्वाहिशों का तारा कोई और ले गया हकीकत में वो कोई तारा नहीं, इश्क था और वो लड़का खुद मैं था। उस इश्क़ के जाने के बाद दिल से एक ही आवाज निकली, "मैं उसको ढूढूंगा अब कहां?"जो आपके हाथों में एक किताब बनकर आ चुका है, सम्हाल लीजिए।


✍🏻 From the Author 

मैं, ऋषभ भट्ट।
कभी सोचा भी नहीं था कि ये सफ़र किसी किताब तक पहुँचेगा। “मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ” लिखना तो जैसे मेरी मर्ज़ी ही नहीं थी — ये किताब मुझसे लिखी नहीं गई, मुझसे लिखवा ली गई। इश्क़ ने मुझे इतना मजबूर किया कि कलम अपने आप चलने लगी… और न जाने कब मेरे टूटे हुए लफ़्ज़ एक पूरी किताब बन गए।

ये किताब किसी कहानी से ज़्यादा एक एहसास है। उस लड़के की तलाश है जिसने अपना तारा खो दिया, उस इश्क़ की पुकार है जो अधूरा रह गया, और उस स्याही की झलक है जिसने मेरे दिल के ज़ख़्मों को शब्द दिए। शायद इसलिए इस किताब के हर पन्ने में आपको मेरा नहीं, अपना भी कोई अक्स नज़र आए।

इस पूरी यात्रा में Dil Ki Boli Publication का शुक्रिया, जिन्होंने इस किताब को सिर्फ़ छापा नहीं, बल्कि उसे एक सांस दी — ताकि ये मेरी नहीं, आप सबकी हो सके।

मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ” मेरे दिल का सबसे सच्चा राज़ है। इसे पढ़ते वक़्त शायद आपको भी वो महसूस हो जो मैंने लिखा — कि कुछ तलाशें पूरी नहीं होतीं, मगर वही तलाश हमें हमारी असली पहचान तक ले जाती हैं।

💡 Book Highlights

❤️ इश्क़ और दर्द की संगत – मोहब्बत और जुदाई के बीच वो सफ़र, जहाँ दोनों एक-दूसरे का आईना बन जाते हैं।

✍️ अनकहे जज़्बातों की आवाज़ – वो बातें जो शायद सामने नहीं कही जा सकीं, लेकिन लफ़्ज़ों में हमेशा ज़िंदा रहीं।

🕰️ वक़्त और यादों की तलाश – टूटे हुए पलों को समेटकर, यादों के सहारे ज़िंदगी को समझने का सफ़र।

❣️ दिलों से जुड़ाव – ये किताब सिर्फ़ लेखक के एहसास नहीं, बल्कि हर उस दिल की दास्तान है जिसने कभी किसी तारे, किसी इश्क़ या किसी ख्वाब को खोया है।

💘 Sample Excerpts

1. भटकती रह गई हर आस मेरी, उसे दुआओं से ला न सकी,

दिल के खाली फ्रेम में, किसी और की तस्वीर आ न सकी...

2. मौसम के ढलने से तूं बदली, उन बदलाओं की करता निंदा हूं,

तुम भूल सकोगी क्या मुझको? मैं तेरी यादों में ज़िंदा हूं....

3. अपने दीदार से आंखें सुजाने दे मुझे,

बारिशें दूर हैं इश्क में भीग जाने दे मुझे...


✨ Why You Must Read This

कभी–कभी हम सबके दिल में एक सवाल गूंजता है—
मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ?
वो कोई इंसान हो सकता है, कोई तारा, कोई ख्वाब या फिर कोई अधूरी दुआ।

ये किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है, बल्कि उन जज़्बातों का आईना है जो हम अक्सर अपने भीतर दबा लेते हैं। यहाँ आपको मोहब्बत मिलेगी, जुदाई मिलेगी, तन्हाई मिलेगी, और सबसे ज़्यादा—आपका अपना अक्स मिलेगा।

हर शेर, हर नज़्म, हर लफ़्ज़ आपके दिल के उस कोने से बातें करेगा जहाँ शायद अब तक आप भी नहीं पहुँचे।
ये किताब पढ़ना एक सफ़र है—
जहाँ दर्द आपको रुलाएगा, मोहब्बत आपको मुस्कुराएगी, और यादें आपको अपनी बाहों में भर लेंगी।

ये किताब पढ़ते वक़्त आपको लगेगा—
“ये मेरी ही कहानी है।”

🌸 आपके लिए धन्यवाद 🌸

शुक्रिया,
कि आपने “मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ” की इन पंक्तियों तक अपना वक़्त दिया।
ये किताब मेरे लिए सिर्फ़ लफ़्ज़ों का संग्रह नहीं, बल्कि मेरी रूह का एक टुकड़ा है।
और अब जब आप इसे पढ़ रहे हैं, तो ये टुकड़ा मेरा नहीं, हमारा हो चुका है।

मैंने इसे अपने दर्द, अपनी तन्हाई और अपने इश्क़ से लिखा था…
पर आपकी आँखों ने इसे पढ़कर इसमें एक नई जान डाल दी।

अगर इस किताब में आपको कहीं भी अपना अक्स, अपनी मोहब्बत या अपनी अधूरी दुआ मिल जाए,
तो यही मेरी सबसे बड़ी जीत होगी।

दिल की गहराइयों से शुक्रिया,
क्योंकि आप ही वो वजह हैं जिनकी वजह से मेरी कलम अब भी बहती है।
अपने दिल की तलाश को पूरा कीजिए—‘मैं उसको ढूँढूँगा अब कहाँ’ अभी खरीदें और महसूस करें!✨📖
📖 Prefect Paperback
Price : ₹350
📕 Prefect Paperback
Price: ₹450

More Books Written by Author

Mera Pahla Junu Ishq Aakhri

Book 1 Cover Buy

Kasmein Bhi Du To Kya Tujhe?

Book 3 Cover Buy

Neend Meri Khwab Tere

Book 4 Cover Buy

Ek Mulaqat Ho

Book 5 Cover Buy

Sahiba

Book 6 Cover Coming Soon

Ye Aasman Tere Qadmon Me Hai

Book 7 Cover Buy

Dev Vandana

Book 8 Cover Buy

Incompleteness At Every Turn

Book 9 Cover Buy

Unsaid Yet Felt

Book 9 Cover Buy

Sindhpati Dahir 713 AD

Book 9 Cover Buy

Shwet Sringar

Book 9 Cover Coming Soon
Arattai ×
Explurger ×
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.