तुमने मुझे रोक लिया है....

 

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ये अजीब सी बात है न
कि मैं तुम्हें पाना नहीं चाहता, और
खोना भी नहीं चाहता ।
पर..... हमेशा की तरह आज भी
तुमने मुझे रोक लिया है....।
मैं जानता हूं ! मेरा खुद को तकलीफ़ देना
तुम्हें पसंद नहीं है
लेकिन ये यादों के तकलीफ़ों से कम है....
मुझे याद है ! तुम्हारे साथ गुजारे वो कुछ पल
जिसमें मैंने जिंदगी के
सबसे खूबसूरत लम्हों को महसूस किया है।
याद हैं मुझे तुम्हारे वो लफ्ज़
जिनकी गूंज आज भी मेरे कानों में
तुम्हारे पायल की तरह बजती रहती है।
मैंने तुम्हारी आंखों में
अपनी जिंदगी के सबसे हसीन
ख़्वाबों को देखें हैं......
तुम्हारी होंठों में मोहब्ब्त की उड़ान,
और जुल्फों में सावन की बरसात देखें हैं...।
मगर..... अब मैं तुमसे दूर जाना चाहता हूं,
इतना दूर! कि जहां सूरज की रौशनी भी
अपने ताप को न महसूस कर सके.....
जहां गुलाब भी अपनी खूबसूरती
अपने महक़ को भूल जाए...।
एक तस्वीर के सहारे
सांसों को तसल्ली देते-देते थक चुका हूं,
टूटे हुए सीसे की तरह
उम्मीदें एकदम टूट चुकी हैं,
आज तो दिन की दुपहरी भी
शामों सी हो गई है..... और
हमेशा की तरह आज भी
तुमने मुझे रोक लिया है.... ।


- S. Rishabh Bhatt

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