Hamara Rishta — Usoolon Ke Khilaf 💔 – Rishabh Bhatt | Dil Ki Gahraiyon Se Kuch

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दिल की गहराइयों से कुछ 🩵 : Season–1

Middle Background

हमारा रिश्ता — उसूलों के ख़िलाफ़ 💔
हमारा रिश्ता बिलकुल वैसा नहीं था जैसे किताबों में लिखा जाता है, ना ही वो जिसे लोग “सही” कहने की हिम्मत रखते हैं। हमने बस एक-दूजे को चाहा था, बिना तर्क, बिना वजह, बिना सोच के कि दुनिया क्या कहेगी। हमने मोहब्बत की थी — सादगी से, सच्चाई से। पर शायद... इसी बात में गलती थी हमारी। हमने सोचा — इश्क़ बस दो दिलों के दरमियाँ होता है, पर वो भूल गए थे — इस दुनिया में मोहब्बत से ज़्यादा उसूलों की चलती है। लोग आए, सवाल उठाए, ताकझांक की, फैसले दिए — “ये रिश्ता मुनासिब नहीं है”, “ये साथ नहीं चल पाएगा” “तुम दोनों… अलग हो जाओ…” हमने समझाया, गुज़ारिश की, रोए भी... पर हमारी बातों में वो “दलील” नहीं थी जो दुनिया सुनना चाहती थी। हमें तो बस इतना पता था — उसका हाथ मेरा हाथ थामे रहे, तो हर तूफ़ान से लड़ सकते थे। पर वो क़ायदे — जो वक़्त से नहीं, बल्कि सोच के पत्थरों से बने थे — उन्होंने हमें बाँट दिया। उसके आंसू छुपा लिए गए, मेरे सवाल अधूरे रह गए, और हमारे हिस्से आई — एक चुप्पी, एक सज़ा, जो हमने ख़ुद नहीं चुनी। हमारा जुर्म सिर्फ़ इतना था — हमने मोहब्बत को तोल-मोल के नहीं देखा, हमने उसकी मर्ज़ी से नहीं, दिल की पुकार से निभाया। पर क्या मोहब्बत अब जुर्म बन चुकी है? क्या अब दो लोग सिर्फ़ इसीलिए जुदा कर दिए जाएँगे क्योंकि उनके साथ होने से “परम्पराएँ” दुखी होती हैं? हमारे रिश्ते ने किसी का हक़ नहीं छीना, ना किसी की ज़मीं ली, ना आसमां। फिर भी... हमें सज़ा मिली उस मोहब्बत की, जो सिर्फ़ पाक थी। अब बस यादें हैं, उसकी वो आख़िरी अल्फ़ाज़ — “हमारा साथ ग़लत नहीं था, पर इस दुनिया के लिए बहुत मुश्किल था...” और मैं आज भी सोचता हूँ — कहीं तो कोई जगह होगी जहाँ दो दिल बिना हिसाब-किताब के बस साथ रह सकें... जहाँ मोहब्बत को वजह नहीं चाहिए होती, जहाँ उसूलों से ज़्यादा जज़्बात की क़द्र होती है। कभी अगर फिर मिलो — तो पूछना इस दुनिया से — कौन–सा उसूल, कौन–सा फ़रमान इतना बड़ा था जो दो रूहों के बीच दीवार बन गया? क्योंकि हमने कुछ भी ग़लत नहीं किया था, हमने सिर्फ़ एक-दूसरे से प्यार किया था। तुम्हारा वही, जिसे इस दुनिया ने तुमसे छीन लिया… किताब : नींद मेरी ख़्वाब तेरे 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion
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Rishabh Bhatt
Poet, Author & Engineer Words are my way of turning silence into emotions. Author of 9 published books in Hindi, English & Urdu – from love and heartbreak to history and hope. My works include Mera Pahla Junu Ishq Aakhri, Unsaid Yet Felt & Sindhpati Dahir 712 AD. 💫 Writing is not just passion, it’s the rhythm of my soul. 📚 Read my stories, and maybe you’ll find a part of yourself in them.

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