Chhodun Yadi Sangharsh Ko 🏹 – Rishabh Bhatt | Manthan S2

Chhodun Yadi Sangharsh Ko, Rishabh Bhatt, Manthan, motivational poetry, hindi inspiration, struggle poem, self growth, manthan series, zidd

मंथन — संकल्प से सफ़र की ओर : Season–2

Chhodun Yadi Sangharsh Ko, Rishabh Bhatt, Manthan, motivational poetry, hindi inspiration, struggle poem, self growth, manthan series, zidd, by RishNova

छोडूं यदि संघर्ष को 🏹
मेरे तृषित अधर को पग–पग मिलती घूंट, छोडूं यदि संघर्ष को मुझसे जाए छूट, दूर गगन का तारा एक, नित आए अक्षर बन, स्वप्निल उस संदेश को कि पढ़ ले जाए मेरा कर, मैं विजयानल को जीने वाला, सागर मेरी भूख, ठहरा यदि गिर जाऊंगा, तन जाएगी सूख, हे अचर–चराचर, हे विधना! ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इस सृष्टि में रह जाए कि मेरा भी अवशेष, मैं मनुज साहसी सिंहनी से रास रचाने वाला, मुझको क्या पिघलाएगी तृण जैसी मृदु बाला? हे मनसिज तुम भी रख लो, मुझसे दूर तूणीर, टकराकर वक्ष से मेरे, हो जाएगा खंडित तीर, मैं, मैं नहीं, अहंकार का कोई तुच्छ पुजारी, युद्ध मेरी नीति है, युक्ति मेरी दरबारी, नहीं धर्म का ज्ञाता पर श्वेत–श्याम तो दिखता है, स्वप्न उसके क्या भाप बनेंगे? जो खुले नेत्र से लिखता है, बाध्य नहीं साधक हूँ विधना, तप मेरे हैं घूंट, छोडूं यदि संघर्ष को प्राण जाए फिर छूट। 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion
Follow Author Download PDF Amar Ujala Kavya

© 2025 Rishabh Bhatt • RishNova | About | Contact | Privacy Policy
Author Picture
Rishabh Bhatt
कई बार जीवन अपने जवाब शब्दों के रूप में भेजता है — ऐसे शब्द जो दिमाग़ से नहीं, सीधे आत्मा से उतरते हैं। “Manthan – Season 2” उसी रौशनी का अगला कदम है… एक नया अध्याय, जहाँ हर कविता भीतर चल रहे churn को आवाज़ देती है, और हर भावना खुद को शब्दों में ढालकर आपके सामने खड़ी हो जाती है।
इस बार की कविताओं में एक अलग सा ठहराव है — ना ज़्यादा कठिन, ना ज़्यादा सरल… बस उतनी ही कि आप उन्हें पढ़ें और एक पल को खुद में डूब जाएँ। यहाँ शब्द सिर्फ़ लिखे नहीं गए, उन्हें जिया गया है — हर लाइन दिल की धड़कन के बहुत पास से निकली है।
Season 2 की रचनाएँ फिलहाल किसी भी किताब में पब्लिश नहीं हैं — ये ताज़ी हैं, सच्ची हैं, और सीधे इसी सीरीज के लिए लिखी गई हैं। लेकिन मेरी दूसरी किताबें — Dev Vandana, Mera Pehla Junoon Ishq Aakhri, और Ye Aasma Tere Qadmon Mein Hai — दुनिया भर के कई प्लेटफ़ॉर्म्स पर मौजूद हैं, और वही मेरी कलम की यात्रा की साक्षी भी हैं।
मैं, ऋषभ भट्ट — पेशे से Engineer, पर हृदय से Author और Poet। मेरे लिए कविता कोई विधा नहीं, बल्कि आत्मा की भाषा है। Manthan : Season 2 की हर कविता इसी विश्वास से जन्मी है — कि शब्द अगर सच्चे हों, तो वे रास्ता भी दिखाते हैं और अन्दर की रोशनी भी जगाते हैं।
“Manthan – Season 2” उन सभी के लिए है जो अपने अन्दर के जीवन को सुनना जानते हैं। जो चुपचाप चलते हैं, पर हर कदम के पीछे एक विचार, एक आग, एक संकल्प होता है। ये सीरीज उसी संकल्प को आवाज़ देती है — ताकि आप खुद में झाँकें, खुद को समझें, और अपने सफर को थोड़ी और स्पष्टता, थोड़ी और रौशनी के साथ आगे बढ़ाएँ।
यहाँ शब्द पढ़े नहीं जाते — महसूस किए जाते हैं। यहाँ कविताएँ समझाई नहीं जातीं — वे खुद आपको समझाती हैं। और यही है Manthan – Season 2 का असली सार...
Arattai Explurger LinkedIn Mail
© 2025 Rishabh Bhatt • RishNova | About | Contact | Privacy Policy

🔥 Other Series 🔥

Divya Bhakti Sangrah
Read
Zidd Zinda Hai
Read
Utsav Diary
Read
Cheekh
Series Cover 3 Read
Vibhutiyan
Series Cover 3 Read
Aasiqon Ki Gali Me
Read
Urdu Nazmein
Read
Yaadon Ki Khidki Se
Read
Preyasi
Series Cover 3 Read
Meri Zindagi Hai Tu
Read
Ahsaas E Ishq
Read
Aye Watan Tere Liye
Read
Maharani Padmini Ki Jauhar Gatha
Read
Sindhpati Dahir : 712 AD
Read

📚 Books Written By Rishabh Bhatt 📚

Dev Vandana
Buy Now
Ye Aasma Tere Kadmon Me Hai
Buy Now
Mera Pahala Junu Ishq Aakhri
Buy Now
Kasmein Bhi Du To Kya Tujhe?
Buy Now
Main Usko Dhudhunga Ab Kaha?
Buy Now
Neend Meri Khwab Tere
Buy Now
Incompleteness At Every Turn
Buy Now
Unsaid Yet Felt
Buy Now
Sindhpati Dahir : 712 AD
Buy Now
Ek Mulaqat Ho
Buy Now

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.