Meri Zindagi Hai Tu 🌹 : Season–1
अजनबी 🏮 : Part – 2
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
मिलाने थे मोतियों से डोर उससे जुड़ गई,
राह मेरी यूं अचानक ओर उसकी मुड़ गई,
आदतों का असर सारा,
खता इसमें क्या हमारा?
सादगी जाने सबब मेरा सही कर या खराब ले गई,
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
मेरी रातें सीधी तुझपे गुजरती हैं, गौर करना,
तूं सफर को मोड़ मेरे रुख समंदर की ओर करना,
मौज उठता तेरे काबिल,
हो जा मुझमें तू भी शामिल,
बंदगी का पूछ पल वो दिन के सारे हिसाब ले गई,
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
अश्क गिरते हर लबों पे मीठा जैसे कुछ घुला,
फूल तोड़े थे जो हमने बाग उनसे अब खिला,
महक वो हाथ में रुकी,
पलक तक साथ में झुकी,
हर बात जिसमें था लिखा छीन आंखों से किताब ले गई,
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
बन कबूतर सा उड़ चला मैं खत लिए साथ में,
उसकी मेहंदी का रंग लिए, रूप नज़रों के मेरे हाथ में,
पक्षियों से थे भरे डाल सारे,
इक अकेले ख्वाब में हम उसके सहारे,
ढूंढकर कुछ बोलता उसे, खामोश बन जवाब ले गई,
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
सुरमई सी गीत वो मिल गई अंदाज को मेरे,
घुल गई हो रेत में वक्त जैसे, वो मिजाज में मेरे,
आसमां का बूंद मैं जामुनी भरा,
पतझड़ों में रंग उसका खिल रहा हरा,
वो शेर से बनी सारे नज़्मों को मेरे जनाब ले गई,
एक अजनबी दिल का इस ख्वाब ले गई,
अदाओं के बदले चैन बेहिसाब ले गई।
Read Part – 1
किताब : मेरा पहला जुनू इश्क़ आख़री
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion
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