Aaram Tu Wahi...
नींद को मखमल मिले,
आराम तूं वही,
तेरे इक बूंद को बरसात सी,
हर चैन मेरी बही,
एहसास से वाक़िफ मगर जज़्बात बिल्कुल नई,
वक्त के हर सांचे में बनती है सूरत कई,
हमसफ़र तू मिली, इश्क़ यारा हो गया,
बिन कहे दिल मेरा, दिल तुम्हारा हो गया।
था दूर मैं भले ही,
तुझे आंखों ने जा छुआ,
हर सांस प्यासी मेरी,
तूं एहसास भीगा हुआ,
जैसे उड़ें तितलियां, है राह उनकी हवा,
तेरे कदम मेरी हथेली पे रखने तू आ,
हमसफ़र तू मिली, जन्म दोबारा हो गया,
बिन कहे दिल मेरा, दिल तुम्हारा हो गया।
आ रात में लिखतीं हैं कुछ,
नाम की सिलावट तेरी,
हो जैसे छुपाएं साए में,
तेरे रूह को करवट मेरी,
मदहोश हूं, तू होश में ला पूरा मुझको करे,
चाहत के मेरे सिंदूर से माँग अपनी भरे,
हमसफ़र तू मिली, मय सारा खो गया,
मय्यसर दिल मेरा, दिल तुम्हारा हो गया।
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion