Artist Lalchi Hote Hain...
आर्टिस्ट अपने फ़ायदे के लिए किसी चीज़ को नहीं छोड़ते —
थोड़े लालची जो होते हैं।
क़िस्मत भी इनके बहकावे में आ जाती है,
और इन लालचियों को सज़ा नहीं,
बल्कि तोहफ़े देती है।
काश कोई क़ानून होता,
जिसे बंदिशें बनाने का हक़ होता।
वो — कि नहीं उकेर सकता कोई चित्रकार
अपनी पेंटिंग्स में उस मोहब्बत को,
जिनमें दो लोगों की साझेदारी है।
कोई कवि कविताएँ नहीं लिख सकता
अपने उस अधूरे ख़्वाब पर,
जिनमें किसी और की भी नींद है।
हो सकता ऐसा,
कि भुलाया जा सकता
अतीत के उन दर्द को,
जो एक आर्टिस्ट को लालची बनने पर मजबूर करती हैं —
और उसे अपनी हर प्यारी चीज़ का
तमाशा बनाने पर उकेरते हैं।
“मोहब्बत” —
ये शब्द ही हर किसी को ख़यालों में धकेल देती है।
काश, ये कोई कुआँ होता —
कि डूबने भर से ही कहानी ख़त्म हो जाती।
मगर लगता है, ये कोई आसमान है,
जहाँ इंसान उड़ान तो अपनी मर्ज़ी से भरता है,
पर धक्के किसी और से मिलते हैं।
ख़ैर, इतनी भी बुरी चीज़ नहीं है मोहब्बत।
कुआँ समझो तो ज़िंदगी की असल गहराई दिखाई देती है,
और आसमान समझो तो सपनों की अहमियत।
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion