दिव्य भक्ति संग्रह : Shri Ram Special
मिलें राम जिन्हें, क्या कहना 🙏🏻🌸
मेरे जीवन गोले में पाई बन,
सीने से लगाया जैसे माई बन,
सौ धाम मिलें हर्षित नैना,
मिलें राम जिन्हें, क्या कहना...।
हर गिनती जा ठहरी, जैसे ही सौ आया,
एक राम लिखा उर ने, लगता है ब्रह्मांड कमाया,
पैरों के बढ़ने से अब, जैसे बढ़ती रजाई है,
क्या डरना दरिया से सौ पार किया मैंने खाई हैं,
रस एक मिला अमृत सा मुझको,
रस–रस के पीछे क्यों है बहना?
सौ धाम मिलें हर्षित नैना,
मिलें राम जिन्हें, क्या कहना...।
गेंद फेंककर देखा मैंने, गड्ढे में जब भी डाला है,
गिरने से पहले पैरों के, तूने मुझे निकाला है,
दो चहेरे के दुनिया वालों में, तेरी एक नजर है पाई रे,
सबरी के झूठे बेरों को खा, मुस्कान भरें रघुराई रे,
मन के खोल चटाई को,
मुझे तेरी शरण में है रहना,
सौ धाम मिलें हर्षित नैना,
मिलें राम जिन्हें, क्या कहना...।
🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion
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