ये आसमां तेरे कदमों में है by Rishabh Bhatt



Copyright © Rishabh Bhatt


Ye Aasama Tere Kadamon Me Hai


By Rishabh Bhatt


ISBN : 979-8894986203


Year : 2024


Paperback ₹243







मेरे हाथों में एक रस्सी थी और सामने एक पहाड़। बचपन में एक कहावत सुना था कि रस्सी की रगड़ से पत्थर भी घिस जाते हैं। इसी बात की गांठ बांध मैं निकल पड़ा पहाड़ की छाती को चीरने। ये बात मुझे अच्छे से पता थी कि एक रस्सी के सहारे इसे करना नामुमकिन है। फिर भी इससे कहीं जादा दिल में इस बात की एहसास थी कि मेरे उम्मीदों की रस्सी टूटने से पहले मेरे साथ हथौड़े लिए हजारों हाथ होंगे। ये रस्सी मेरा पहला कदम था और पहाड़ मेरे सपने। अपने पहले कदम में मैं एकदम अकेला था लेकिन मेरा खुद पर विश्वास या कहें कि मेरा आत्मविश्वास, मेरा सबसे बड़ा साथी बनकर हर वक्त साथ खड़ा रहा।

कई बार ऐसे हालात हावी हुएं जिसमें लगा कि मेरे उम्मीदों की रस्सी अब जादा देर नहीं टिक सकेंगे। उस वक्त शुरुआत हुई लोगों और उनके विश्वासों की जो मुझसे एक एक करके जुड़ते गए। ये वही लोग है जिन्होंने मेरे उम्मीदों के टूटने से पहले मुझे अपने कंधों पर बिठाया और एक बार और कोशिश करने में मेरी मदद की। मेरे सपनों का पहाड़ अब भी मेरे सामने था लेकिन इस बार मेरा आत्मविश्वास इस बात पर अडिग था कि मेरी रस्सी अब हथौड़े में बदल चुकी है। ये लोग मेरे मोटिवेशन और मेरे नॉलेज थे जो आपके भी हैं।


अगर आपने भी कोई सपना देखा है। तो आपके चुनौतियों के पहाड़ की छाती पर लीक खींचने में ये क़िताब "ये आसमां तेरे कदमों में है" जरूर मदद करेगी। जरूरी नहीं कि यहां लिखा गया हर शब्द आपको आपके प्रश्नों का उत्तर दे, लेकिन वो उस एक प्रश्न का उत्तर जरूर देगी जो आपके अंदर हथौड़ा पकड़ने की ताकत भर दे। 

एक अन्य उदाहरण, वर्षों पहले चांद केवल सपनों में हुआ करता था। लेकिन जब किसी ने ने चिड़ियों को उड़ते देखा, पतंग को आसमान में सैर करते देखा तो सपनों का एक पहाड़ खड़ा हुआ कि क्या चांद पर कदम रखा जा सकता है? उत्तर आज आपके पास है। कोहरा देखकर रुकने के बजाय जैसे कदम बढ़ाने पर आंखों को आगे जाने की राह मिल जाती हैं। वैसे ही पहली कदम आपको ये जानने के लिए बढ़ाना चाहिए कि आपके सपनो का पहाड़ क्या है? उसका स्वरूप क्या है? इसमें आपकी मदद के लिए ये क़िताब "ये आसमां तेरे कदमों में है" है। जिसकी कोई भी लाइन आपके सवालों के सैलाब को एक धार में ला सकती है। यहीं कारण है कि आपको ये किताब जरूर पढ़ना चाहिए।













Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.