Kavi Wahi Kavita Nai Hai ✍️ – Rishabh Bhatt | Zidd Zinda Hai

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ज़िद्द ज़िंदा है : Season–1

Middle Background

कवि वही कविता नई है ✍️
सो गई थी शून्य में संदर्भ की शाखा उगी है, अब प्रेम की कल्पना में कर्तव्य की आभा जगी है, छिप गईं थीं फलकें गिरा जो शशि वही, संध्या नई है उठ गया है वेदना से कवि वही कविता नई है। भीष्म की आंखें खुली मौत ने चूमा उन्हें जब, लुट गई हो लाज क्रीड़ा में कृष्ण के रहते हुआ कब? कौन्तेय को दे दी विजय गीता वही, गरिमा कई हैं स्वाद ये जिसने चखा कवि वही कविता नई है। पथ बनाने को ज़िन्दगी की यदि रात भर बस जागना हो, संकल्प कितने क्षण टिकेंगे यदि राम सा सब त्यागना हो? छवि हृदय में बस गई एक ही मूर्ति वही, महिमा कई है है पूजता पूरे लगन से कवि वही कविता नई है। धूप थी, अब छांव है सामर्थ्य की उतरी नदी में नाव है, हम कंकड़-पत्थर से डरते नहीं संघर्ष की सीढ़ियों पर पांव हैं, रात है राहें बना लो रौशनी चलते रहो, चंदा कई हैं दीप बनकर जल रहा हूं कवि वही कविता नई है। क्या इंसान की आंखें वही हैं देखती! जो दिख रहा? स्वप्न की करके सवारी अंध भी जीवन लिख रहा, उम्मीद की स्याही में पात्र वही, पन्ने कई हैं दृष्टि सबके अलग हैं, पर कवि वही कविता नई है। पंक्षियों के घोंसले में बाज के पर आते नहीं हैं, वीरता की आंख से स्वप्न मुड़कर जाते नहीं हैं, बस समझ की फेर है खेल वही, खेलता कोई है जीत है सबके निकट कवि वही कविता नई है। 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion
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Rishabh Bhatt
कभी हार मान लेने का मन हुआ, तो कलम ने कहा — “ज़िद्द ज़िंदा है।” यहीं से शुरू हुई इस सीरीज़ की कहानी — उन लोगों की, जो टूटे तो सही, मगर बिखरे नहीं। जो गिरे, मगर हर बार उठ खड़े हुए। ‘Zidd Zinda Hai’ सिर्फ कविताओं का नाम नहीं, एक सोच है — कि हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर हौसला सांस ले रहा है, तो जीत अब भी मुमकिन है। इस सीरीज़ की कई कविताएँ Amar Ujala Kavya पर भी प्रकाशित हैं और ये मेरे किताब “ये आसमां तेरे कदमों में है” का भी हिस्सा हैं। मैं ऋषभ भट्ट, profession से एक engineer पर दिल से एक Writer हूँ। मेरी कलम ने हमेशा कोशिश की है कि शब्द सिर्फ पढ़े न जाएँ, बल्कि किसी के भीतर सोई हुई उम्मीद को जगाएँ। मेरी किताबें — मेरा पहला जुनूं इश्क़ आख़री, ये आसमाँ तेरे क़दमों में है, Sindhpati Dahir 712 AD …और कई अन्य रचनाएँ Notion Press, Pothi.com, Amazon, Flipkart सहित सैकड़ों प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। एक आखरी बात, ‘जब तक साँसें हैं, जब तक सपने ज़िंदा हैं, ज़िद्द भी ज़िंदा है। 💪✨’

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