जहाँ एक राजकुमार किसी भीलनी के जूठे बेर खाकर ऊंच-नीच की भावना का अंत करता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक नारी विवाह से पूर्व माँ बन जाती है और उसे पंच कन्याओं में स्थान दिया जाता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक स्त्री के शब्दों का मूल्य स्वयं त्रिलोक रचयिता माधव निर्वंश प्राण त्यागकर देते हैं, वो मेरा भारता है।
जहाँ एक दीपक अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरे एशिया को प्रकाशित करता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक शिक्षक किसी अहंकारी राजा के सम्पूर्ण सामराज्य को उखाड़ भारतवर्ष को अखण्डता के सूत्र में बांधता है वो मेरा भारत है।
जहाँ एक चक्रवर्ती सम्राट कलिंग की लालिमा को अपने माथे पर लगा ईश्वर में लीन हो जाता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक महरानी की मर्यादा अपने पातिव्रत का श्रृंगार जौहर की ज्वाला से करती है, वो मेरा भारत हैं।
जहाँ बादशाही जिद का जवाब राजपूती शान घास की रोटियाँ खाकर देती है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक मराठा स्वराज की आग लेकर मुगलिया सलतनत को झुलसने पर मजबूर कर देता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ सात समन्दर पार गोरों की क्रूरता का जवाब कारतूस की चिंगारी से शुरू होती है, वो मेरा भारत है।
जहाँ दुर्गा स्वरुपा एक रानी अपने बच्चे को काँधे पर बाँध गोरों के घुटने तोड़ देती हैं, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक भट्ट की गुहार तात्या बनकर पूरे स्वाधीनता आन्दोलन को प्रवाह देती है, वो मेरा भारत है।
जहाँ एक जनेऊधारी अपनी मोछों को ताव देते माटी को अर्पित हो जाता है, वो मेरा भारत है।
जहाँ रंग दे बसंती गाते हुए होंठ फाँसी को चूम लेती हैं, वो मेरा भारत है।
जहाँ तन पर सूती डाले सूट-बूट वालों की रियासत लाठी-ऐनक से तोड़ी जाती है वो मेरा भारत है।
जहाँ आजादी के रंग में रंगी एक चिड़िया अम्बर के विस्तार को अपना पथ मान लेती है, वो मेरा भारत है।
जहाँ 'जन-गण-मन' को हृदय में उतार एक सौ पैंतीस करोड़ बोलियाँ दोहराती हैं, वो मेरा भारत है।
जहाँ अपने सौर्य के गीतों में हर अल्फाज आजादी का अमृत महोत्सव मनाती है, वो मेरा भारत है।
- Rishabh Bhatt