वो युग… 🕰️
जब भारत की रगों में बँटवारे का ज़हर दौड़ रहा था,
तब एक पुरुष खड़ा हुआ —
शांत, दृढ़, और अडिग। 💪🕊️
सरदार वल्लभभाई पटेल —
जिन्होंने खेतों से सीखा श्रम 🌾,
वकालत से पाया न्याय ⚖️,
और स्वतंत्रता संग्राम में अपनाया अटल साहस 🇮🇳🔥
खेड़ा और बारडोली की धरती आज भी गवाही देती है,
कि उन्होंने केवल आंदोलन नहीं किए —
आवाम को आत्मविश्वास दिया। ✊🌿
महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अपनाते हुए,
उन्होंने संघर्ष को शांति का रूप दिया 🕊️,
और कहा —
“संगठन ही शक्ति है।” 🤝
जब आज़ादी आई,
तो राष्ट्र टुकड़ों में था 🧩,
रियासतें बिखरी थीं —
पर उन्होंने कहा —
“भारत अधूरा नहीं रहेगा।” 🇮🇳✨
बिना युद्ध, बिना रक्त,
उन्होंने संवाद से इतिहास लिखा 📜,
और
562 रियासतों को जोड़कर
एक अखंड भारत की नींव रखी। 🗺️💫
सरदार जी ने सत्ता नहीं चाही,
कर्तव्य को चुना 🙏
उनके लिए भारत कोई भूगोल नहीं —
एक
जीवंत आत्मा था ❤️🇮🇳
उन्होंने प्रशासन को अनुशासन दिया ⚙️,
देश को दिशा दी 🧭,
और हर भारतीय को एक पहचान। 👣
आज
“एकता की प्रतिमा” 🗿 में
पत्थर नहीं, उनका
विचार खड़ा है। 💭
वो विचार —
जो बताता है,
“लौहपुरुष का अर्थ कठोरता नहीं,
बल्कि राष्ट्रप्रेम में अडिगता है।” ❤️🔥
🙏 श्रद्धांजलि
सर,
आपका योगदान कोई अध्याय नहीं,
पूरा ग्रंथ है।
आपके निर्णयों में साहस था,
आपके मौन में नीतियां थीं,
और आपकी दृष्टि में पूरा भारत।
“आप केवल इतिहास के नहीं,
हर भारतीय के हृदय के नायक हैं।” 🇮🇳
🌿 Written by
Rishabh Bhatt 🌿
✒️ Poet in Hindi | English | Urdu
💼 Engineer by profession, Author by passion