आए दिलों में आएं,
तुझको छूके वो आएं,
खुशबुएं इस जहां की,
होंठों के बगीचे से आएं,
तारीफों के समंदर में
तेरी छुअन ये सताएं,
खुशबुएं इस जहां की,
होंठों के बगीचे से आएं।
नज़रों के खुलते ही,
आंखों से मिलते ही,
सुबह की हर एहसासों में आए,
तेरी कमर से सिर तक,
शर्मों-हया की पनघट,
रौशनी बनके ख्वाबों से टकराएं,
आए नमी बनके आएं,
ज़हन में जुनूं सी समाएं,
खुशबुएं इस जहां की,
होंठों के बगीचे से आएं,
तेरा नाम मुझमें यूं लिख जाए,
जैसे पानी से पानी टकराएं,
खुशबुएं इस जहां की,
होंठों के बगीचे से आएं।
बाहों से तेरा गुजरना
मेरी सांसों को ले जाए,
करीब आते ही तूं
जन्नत सी बन जाए,
ये तेरा असर कैसा मुझपे!
सितारों में भी तूं नज़र आए,
आंखों आंखों में ही
तू भरके जादू कोई पिलाए,
आए तू ही आए,
जब भी मुझको नींदें बुलाएं,
बाहों में ले के,
तूं मुझको सुलाए,
बादल की जमीं पे
तुम संग ख्वाबे हम सजाएं,
खुशबुएं इस जहां की,
होंठों के बगीचे से आएं।
- Rishabh Bhatt