तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां,
कुछ तो कहने आवें! बतियां... तेरी बतियां,
तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां,
कुछ तो कहने आवें! बतियां... तेरी बतियां,
तुम बिन सूना सूना... मेरा जीना जीना,
पगडंडी तूं ही है... मंदिर भी, मदीना,
हां! होंठों तक आके जो रुक जाए,
दिल चाहे उसी को पीना,
दिल चाहे उसी को पीना,
ये! रतियां... रतियां,
तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां,
कुछ तो कहने आवें! बतियां... तेरी बतियां,
तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां,
इक फासला... जो हम दोनों में कहीं,
आंखों आंखों में होती हैं सही,
तस्वीरें! तस्वीरें! पीता है दिल,
मेरे हर सफ़र का... तूं ही है मंजिल,
ठहरूं मैं जहां...!
वो हैं... तेरी! रतियां... रतियां,
तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां,
कुछ तो कहने आवें! बतियां... तेरी बतियां,
तू इतनी तड़पावे! रतियां... रतियां।
- Rishabh Bhatt