मेरी सुबह तुम्हारे नाम से होती है
और शामें तुम्हारे साथ सोती है,
कम्बक्त दिन से थोड़ी अनबन रहती है
मगर डर लगता है, जब रात होती है....
तकिए को सीने से लगा
तुम्हें सैकड़ों दफ़ा चूमता हूं,
मेरी एक रात सोती है
सैकड़ों ख़्वाब तुम्हारे संग घूमता हूं,
मेरी उंगलियों को
तुम्हारी आदत पड़ गई है,
दुआ पढ़ूं या मैसेज टाइप करूं
तुम्हारा ही नाम आता है,
मेरे सर्ट के हर रेशे में
तुम्हारी मोहब्बत घुल चुकी है,
परफ्यूम चाहें जितनी बदल लूं
तुम्हारा महक़, दिल से नहीं जाता है,
तुम दिल को मेरे इतनी लाजमी हो,
अगर मैं आसमां तो तुम मेरी ज़मीं हो,
तुम्हें एक बार जीने के लिए
हर दिन दो चार बार मरता हूं,
हां ! मैं तुमसे प्यार करता हूं
ये.... इज़हार करता हूं !
- Rishabh Bhatt