मेंहदी की एक शाम तुम्हारे हाथों में उतर आऊं
चन्ना वे ! इस कदर तेरे इश्क में रंग जाऊं....
बीतें रात दिन तुझमें ही कहीं
दिल बनके धड़क जाऊं
चन्ना वे ! इस कदर तेरे इश्क में रंग जाऊं....
कुछ अनकही बातें तुझे हर पल बताया करूं
सजदा तेरा रख हाथ में फिर मुस्कुराया करूं
मांझी मेरी उड़ जा ज़रा एहसास में यूं बेखबर
बनके पतंग मैं आसमां में तुझको ले जाया करूं
ये बंदिशें ये रंजिशें सब छोड़के तेरा बनूं
तुझको फ़लक तक चूंमके हर ख्वाहिशें साझा करूं
आधी अधूरी ज़िंदगी की डोर तुम पूरी बनो
मांगू ख़ुदा से मिन्नतें ऐसी दुआ तुम मेरी बनो
गुमशुदा दिल की अनोखी तुझमें छिपी कोई बात है
बैठूं अकेले बेंच पर तुझ संग गुजरती रात है
मैं तो मुकम्मल इश्क में... हो चुका हूं तेरा ही
ये सरफिरी बातें समझ सकता कोई सिरफिरा ही
तेरा सुकूं बनके चाहत के जाम सी चढ़ जाऊं
चन्ना वे ! इस कदर तेरे इश्क में रंग जाऊं....
मेंहदी की एक शाम तुम्हारे हाथों में उतर आऊं
चन्ना वे ! इस कदर तेरे इश्क में रंग जाऊं....
- Rishabh Bhatt