उस काले पल की काली जीवन में काली भर डाली
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उदयित न था सूरज उस दिन ये अम्बर था खाली,
पी गया समझ अमृत जिसको वो निकला विष का प्याली,
उस काले पल की काली जीवन में काली भर डाली।
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उस खुशबू की बगिया में न जाने कैसी ये डाली,
रंग बिरंगे फूलों को पल भर में काली कर डाली,
उस काले पल की काली जीवन में काली भर डाली।
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वो भोगों का भण्डार जहां आज हुआ है खाली,
स्वर्णों से भरा हुआ वो बदला पत्थर में थाली,
उस काले पल की काली जीवन में काली भर डाली।
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- Rishabh Bhatt
Bahut acha porm
ReplyDelete👌👌👌👌👌👌
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