Mujhe Bhi Chhod Dogi Kya? 🪽 – Rishabh Bhatt | Urdu Nazmein S3


Kaash Wo Aag Hoti, Rishabh Bhatt, Urdu Nazmein S3, sad nazm, heartbreak poetry, love pain, emotional urdu poetry, tanhai

उर्दू नज़्में : Season–3

Middle Background

मुझे भी छोड़ दोगी क्या? 🪽
मेरे हक में खिले हों फूल, उन्हें तोड़ दोगी क्या? बहलाकर दिल अपना, मुझे भी छोड़ दोगी क्या? ये शौक़ के साबिस्ताने, झिलमिलाते शम्मा–ए–खम, है लगता खेलते हैं पाकर मेरे मिजाज़ नर्म, कमबख्त देखो न, होंठ भी उसके आने पर ही खिला करे, मेरी तन्हाई में जैसे उसकी परछाईं आके मिला करे, तजुर्बे से बताया था किसी इश्क़ वाले ने, मत लड़ो, दिलो–दिमाग की लड़ाई में दिमाग को जीत जाने दो, दिल के पीछे मत पड़ो, भला वो दिल मान जाता कैसे? जो अबतक हथेली डुबाया न था, दिले–आज़ार की दुनिया में, जो अबतक दर्द ही को पाया न था, उसने कहा, ‘मैं साथ रहूंगी’, पर किसके बताई नहीं, मेरे नाम रात करके कई रात फिर आई नहीं, कि पूछना है, घर से मेरी राहें अपना मोड़ दोगी क्या? दिल तोड़कर मेरा किन्हीं का जोड़ दोगी क्या? मेरे हक में खिले हों फूल, उन्हें तोड़ दोगी क्या? बहलाकर दिल अपना, मुझे भी छोड़ दोगी क्या? 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion
Follow Author Download PDF Playlist

© 2025 Rishabh Bhatt • RishNova | About | Contact | Privacy Policy
Author Widgets - Green Theme
Author Picture
Rishabh Bhatt
कुछ एहसास ऐसे होते हैं जो बोलते नहीं, बस रह जाते हैं—माहौल में, यादों में, और सांसों के दरमियान। “Urdu Nazmein” की ये नई कड़ी उन्हीं एहसासों की महक है—जहाँ हर शेर किसी ख़ामोश दुआ की तरह ठहरता है, और हर अल्फ़ाज़, चाँद की नमी और रात की रूहानी ख़ुशबू से भीग जाता है। ये series उन एहसासों की तश्बीह है, जो स्याही में नहीं, सांसों में लिखे गए हैं। जहाँ मोहब्बत अपनी रवानगी में हया को साथ लेकर चलती है, और जुदाई भी किसी शायरी की तरह ख़ूबसूरत लगती है। कभी ये नज़्में दिल के टूटे हुए शीशों पर चाँदनी बनकर उतरती हैं, कभी किसी पुरानी याद की तह में छुपे नाम को फिर से जगा देती हैं। यहाँ हर मिसरा एक आईना है — जो सिर्फ़ चेहरा नहीं, एहसास की परतें दिखाता है। मैं Rishabh Bhatt, profession से engineer हूँ, मगर दिल से एक poet और author। मेरी poetries Amar Ujala Kavya जैसे मंचों पर प्रकाशित होती हैं, और इस सीरीज़ के पिछले seasons की सभी नज़्में मेरी किताबों “Mera Pahla Junu Ishq Aakhri” और “Main Usko Dhoondhunga Ab Kahan?” का हिस्सा रही हैं जो आज Amazon, Flipkart, Notion Press, Pothi.com सहित दुनिया भर के सैकड़ों प्लेटफॉर्म्स पर available हैं। 🌍📚 “Urdu Nazmein” महज़ अल्फ़ाज़ का संग्रह नहीं, बल्कि रूह की तहज़ीब में लिखी हुई वो तहरीरें हैं जो पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं। यहाँ हर शेर किसी मोमबत्ती की लौ की तरह है — धीरे-धीरे जलता, मगर रोशनी फैलाता हुआ। अगर आपने कभी किसी बात को कहना चाहा हो पर ख़ामोश रह गए हों, तो यह सीरीज़ आपके लिए है — क्योंकि यहाँ, हर ख़ामोशी एक मोहब्बत का बयान है। 💫 आपके हवाले करता हूँ ये “Urdu Nazmein”, क्योंकि मुझे यकीन है इनकी कद्र आपसे बेहतर कोई नहीं के सकता...🙏🏻
Arattai Explurger LinkedIn Mail
© 2025 Rishabh Bhatt • RishNova | About | Contact | Privacy Policy

More Seasons to Feel

Urdu Nazmein : Season 1
Poetry Cover 1 Read
Urdu Nazmein : Season 2
Poetry Cover 1 Read
Urdu Nazmein Playlist
Poetry Cover 1 Read

Other Series Await

Aashiqon Ki Gali Me
Series Cover 1 Read
Meri Zindagi Hai Tu
Series Cover 2 Read
Yaadon Ki Khidki Se
Series Cover 3 Read
Preyasi
Series Cover 3 Read
Ahsaa-E-Ishq
Series Cover 3 Read
Manthan
Series Cover 3 Read
Zidd Zinda Hai
Series Cover 3 Read
Utsav Diary
Series Cover 3 Read
Aye Watan Tere Liye
Series Cover 3 Read
Divya Bhakti Sangrah
Series Cover 3 Read
Cheekh
Series Cover 3 Read
Vibhutiyan
Series Cover 3 Read
Maharani Padmini Ki Jauhar Gatha
Series Cover 3 Read
Sindhpati Dahir
Series Cover 3 Read
Arattai ×
Explurger ×

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.