चंदा की रानी हमारी बिटिया

 

पापा की प्यारी, मम्मी की दुलारी,

मामा की गुड़िया,

नन्हीं सी, प्यारी सी,

चंदा की रानी, हमारी बिटिया।


लोरी सुनाकर चुटिया बनाते,

चिड़िया को दानें संग संग खिलाते,

उस नन्हीं सी दिल में

सितारों की दुनिया हजारों बसी है,

मौसम खिले हैं कलियों के जैसे

होंठों से जब जब कली ये हंसी है,

झरनों की झिलमिल, परियों की कहानी,

सबसे खूसूरत है मेरी गुड़िया रानी।


दिशाओं को छूले कदम वो चले जब,

पायल की रुनझुन में नाचें मगन सब,

नन्हीं सी हाथों में

गुड़िया ही गुड़िया को गाने सुनती,

बातें कभी उससे करती

कभी वो दुल्हन सी सजाती,

घर में उसी से खुशियां हैं सारी,

गुड़िया हमारी सबसे है प्यारी।


पापा की गोदी में जब मुस्कुराए,

मीठी सी बोली में मम्मा बुलाए,

नन्हीं सी होंठों से बातें बड़ी कर

सबके दिलों में गहरी उतरती,

हंसने से उसके तारें चमकतें

आंसू में बारिश बन बूंदें बरसती,

तितली की रंगों में खवाबें सुहानी,

नींदों में गुड़िया की सुनती कहानी।


पापा की प्यारी, मम्मी की दुलारी,

मामा की गुड़िया,

नन्हीं सी, प्यारी सी,

चंदा की रानी, हमारी बिटिया।


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