मेरे सर्ट पर अटके तुम्हारे बाल,
ये गवाही देते हैं...
कि नींदों में आकर
तुम मेरी बाहों से लिपट गई थी,
उस वक्त, मैं ख्वाब में
तुम्हारे साथ ही किसी डेट पर था
और मेरी सारी दुनिया
तुम्हारी क़दमों में सिमट गई थी,
तुम्हारे पायल की वो गूंज
जो मुझे पहली मुलाकात से याद है
तुम पहनकर आई थी....
घर वालों को न दिखे, इसलिए
तुम अपनी मेंहदी में मेरे नाम को
फूलों सा सजाई थी,
मेरे गालों पर तुम्हारे लिपस्टिक के निशान
साफ़ बताते हैं... कि मेरी नींदों में
तुम अपना इश्क़ जताने आई थी,
इस बात से रुबरू कराने के लिए
बादलों ने इश्क़ बरसाई थी,
हां! मैं तुममें पूरी तरह भीग चुका था,
और मेरे घड़ी की हर सुई
जैसे वक्त बनकर तुमपे रुका था,
मेरे शरीर से आती तुम्हारी खुशबुएं
बात रही थीं... कि तुम पूरी रात
मुझसे लिपटकर सोई थी,
तुम्हारी सुकून भरी एहसासों में
मेरी रात... पहली बार...
इतने सुकून से सोई थी...।।
- Rishabh Bhatt