परिवर्तन का समय


                   ****               

जीवन   के   हे   कर्णधार है भूल रहा  अस्तित्व ज्ञान,

लहरों  की  लतिकाओं  से हमको  दो  अमरत्व  दान,

निर्मम  रण  का  पग -पग है ललकार बना जीने  का,

थमना ही असिधार बना है नभ की  चोटी  चढ़ने  का,

पथ है त्रिलोक विजय  की संघर्षों   में   समर्पन    का,

समय आ गया है परिवर्तन का....समय आ गया है परिवर्तन का।

****

बंद  किताबों   के  पन्नों   सी जिनको  यत्नों  ने  पाला   है,

राख हुआ सब कुछ तप  कर आलस्य  जिनकी   माला  है,

तू  पूर्ण   ईकाई   जीवन  की छोड़ चंचल मन का आलस्य,

सम्पूर्ण  विश्व   है   ढूंढ   रहा उलझा हुआ  जीवन   रहस्य,

ज्योति   ज्ञान   है  बुला  रही यह पथ है कर्मों के कीर्तन का,

समय आ गया है परिवर्तन का....समय आ गया है परिवर्तन का।

****  

- Rishabh Bhatt

Post a Comment

6 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.