“हाथों पर किसी का नाम हर रोज लिखने से,
एक दिन वो हमारी किस्मत में भी लिख उठता है।”
बुद्धिजीवी, खुद को स्मार्ट कहने वाले लोग,
या ज्योतिषी जो भी कहें,
लेकिन इश्क़ के जुनून में लबालब भरा हुआ आशिक़,
उनसे कहीं ज्यादा बेहतर ढंग से–
इस बात को समझ सकता है,
इन हाथों के लकीरों की आखिर में सच्चाई क्या है?
जब मन होता है किसी को किस्मत से जोड़ देती हैं,
और उसकी आदत लगने के बाद,
अचानक से एक दिन छीन लेती हैं,
कहने वाले कहते हैं कि लकीरें,
उस भगवान के घर से बनकर आती हैं,
जो जिंदगी के पन्नों पर शब्दों का काम करती हैं,
अगर ऐसा है तो इन लकीरों में न लिखा हुआ इंसान,
हमारी जिंदगी में कैसे चला आता है?
क्यूँ उसकी यादें ताउम्र हमें सताती हैं?
आँखों से उनका चेहरा क्यूँ नहीं भुलाया जाता?
शायद इन सब का जवाब एक ही है,
मोहब्बत।
मोहब्बत खुद एक स्याही है,
खुद एक किस्मत है,
और खुद एक लकीर है,
जो दो इंसानों को उनके शिद्दत के लिए,
दी जाने वाली प्यार के देवता की निशानी है,
मोहब्बत की ताकत किस्मत से बड़ी है,
दिल की ताकत हाथों की लकीरों से बड़ी है,
यही वजह है कि किस्मत में न लिखे हुए,
इंसान को भी,अपना बनाया जा सकता है।
हाथों की लकीरें फिर भी जिन्हें
जिंदगी का हिस्सा नहीं बनने देतीं,
उन्हें भी दिल में ताउम्र समेटे रखा जा सकता है।
किस्मत उस इंसान को दूर करके भी,
मोहब्बत को इस दिल से अलग नहीं कर सकती,
दुनिया की कोई भी लकीर–
तकदीर में लिखे मोहब्बत की स्याही पर
नहीं चढ़ सकती है।
क्योंकि मोहब्बत मोहब्बत है,
जो किन्ही किस्मत और लकीरों की मोहताज नहीं।
एक आशिक किस चीज की,
अपने हमरूह से मांग कर सकता है?
दिल की इल्तिज़ा कितने–
सच्चे आशिकों की जिस्मों तक रही है?
खैर कोई कुछ भी बोले,
लेकिन एक आशिक कभी ये बर्दास्त नहीं कर सकता,
कि कोई उसके इश्क़ पर रत्ती भर भी सवाल उठाए,
इश्क़ तो वो आग है जो दिल में लगे,
तो सूरज की रौशनी बन जाती है,
और नियत में जले तो कयामत,
खाक में मिलना भी एक मोहब्बत के मुसाफिर को,
अपनी महबूब की हिफाजत के लिए मंजूर है,
दूसरी ओर जिस्मानी रिश्तों की डोर,
वहीं टूट जाती है,
जहां इस जिस्म को सुख मिलना बंद हो जाता है,
लेखक के कहने का आशय बस इतना सा है,
कि प्यार हर चीज से अलग है,
हमारी सोचें से भी परे है,
इसलिए कभी भी मोहब्बत पर,
अपने फतय जमाने की कोशिश करना बेकार है,
कुछ उसी तरह जैसे आसमान को मुट्ठियों में भरना,
और पर्वत को पैरों से कुचलना,
असंभव है।
‘किसी का होना किसी की जिंदगी बदल सकता है,
और किसी का खोना भी किसी की जिंदगी बदल सकता है।’
मैं तो बस इतना कहूंगा–
कि मोहब्बत की नियत से देखा गया कांटा भी,
फूलों को चुभ नहीं सकता है।
– Rishabh Bhatt