मुश्किल सा है तुम बिन एक पल भी रह पाना,
हर लम्हों से आगे बढ़कर ढूंढे तुझको दीवाना,
तेरे ख्यालों में भीगी हैं मेरी रातें,
आँखों की बूँदों से तोले जस्बातें,
हां आशिकी चढ़ आई है अब दिल ओ दिमागों पे,
तिनके सहारे बैठी उम्मीदें निगाहों के,
तुमपे जुनूं ज़हन का करार है,
मुझको तुमसे बेइंतहा प्यार है....
सोचता हूं मैं क्या कर सकूं तेरे लिए,
आज दिल में दीपक भी अंधेरे किएं ,
ये लम्हा हवाओं का बड़ा बेहरम है,
रेत सा उड़ रह दिल या दर्द ए व्यहम है,
तुम जो ठहरे रहे समझ ना सका,
आज पलकों पे काँटों का मंजर झुका,
दिलों का हर शहर तेरी तरफ यार है,
मुझको तुमसे बेइंतहा प्यार है....
भीगी भीगी यादों में मैं रहने लगा,
उंगली दिखाकर तारों को अपना कहने लगा,
गुस्ताखियां चाँद की मुझको सताने लगी,
तन्हाइयों में क्यूं सितारे सजाने लगी !
तेरे लिए ही रह जाना मुझको सारी उमर है,
आशिक ये तेरा अब बेसरम है,
तेरी नवाज़िश में दुआओं का ख़ुमार है,
मुझको तुमसे बेइंतहा प्यार है....
हर खामोशी तेरी बातों से पीना,
मेरे सफर का तू एक है मदीना,
रंग सा फैला हुआ था मेरा आसमां,
तेरी बाहों में रौशन थी मेरी हर समां,
हर घड़ी था मिलन का क्यूं ना हुआ ?
बेरहमी ने छीनी क्यूं दिल की दुआ ?
मेरी मौसमों को बारिश का इंतज़ार है,
मुझको तुमसे बेइंतहा प्यार है....
- S. Rishabh Bhatt