Rakh Hausla 💪 – Rishabh Bhatt | Zidd Zinda Hai

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ज़िद्द ज़िंदा है : Season–1

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रख हौंसला 🌾
रख हौसला! आसमां में एक दिन तेरा उड़ान होगा, अपनी शख्सियत से तू शहंशाह–ए–हिंदुस्तान होगा, रख हौसला! तेरी कदमों में जहान होगा, रखा हौंसला। एक कांटे के गड़ने से, जैसे फूलों की कोमलता नहीं जाती, घोंसलों को देखकर, बाज़ दरारें नहीं भुलातीं, रातों को दूर करने सूरज सवेरा लेकर आता है, छोटी सी जिंदगी को रौशन कर, ओस भी एक दिन सूख जाता है, रख हौसला! सब्र के आइने में, तेरा प्रतिबिंब सबसे महान होगा, अपनी शख्सियत से तू शहंशाह–ए–हिंदुस्तान होगा, रख हौसला! तेरी कदमों में जहान होगा, रख हौंसला। 🌿 Written by Rishabh Bhatt 🌿 ✒️ Poet in Hindi | English | Urdu 💼 Engineer by profession, Author by passion
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Rishabh Bhatt
कभी हार मान लेने का मन हुआ, तो कलम ने कहा — “ज़िद्द ज़िंदा है।” यहीं से शुरू हुई इस सीरीज़ की कहानी — उन लोगों की, जो टूटे तो सही, मगर बिखरे नहीं। जो गिरे, मगर हर बार उठ खड़े हुए। ‘Zidd Zinda Hai’ सिर्फ कविताओं का नाम नहीं, एक सोच है — कि हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर हौसला सांस ले रहा है, तो जीत अब भी मुमकिन है। इस सीरीज़ की कई कविताएँ Amar Ujala Kavya पर भी प्रकाशित हैं और ये मेरे किताब “ये आसमां तेरे कदमों में है” का भी हिस्सा हैं। मैं ऋषभ भट्ट, profession से एक engineer पर दिल से एक Writer हूँ। मेरी कलम ने हमेशा कोशिश की है कि शब्द सिर्फ पढ़े न जाएँ, बल्कि किसी के भीतर सोई हुई उम्मीद को जगाएँ। मेरी किताबें — मेरा पहला जुनूं इश्क़ आख़री, ये आसमाँ तेरे क़दमों में है, Sindhpati Dahir 712 AD …और कई अन्य रचनाएँ Notion Press, Pothi.com, Amazon, Flipkart सहित सैकड़ों प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। एक आखरी बात, ‘जब तक साँसें हैं, जब तक सपने ज़िंदा हैं, ज़िद्द भी ज़िंदा है। 💪✨’

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