कभी आँख बहे मेरी यादों में तो
पानी से अपना बाल भिगा लेना,
देख के आईने में खुद को
नाम मेरा सजा लेना,
हवा सा उड़ता मैं आ जाऊंगा
तेरे सांसें भरते ही,
बाहों में भर लूँगा तुझको मैं
क़दमें दो चार गुज़रते ही,
रेत समय के दिल में जैसे
मैं वक्त बनाके ठहेरा हूं,
तेरी फलक का चंदा मैं तो
चांदनी रात का चहेरा हूं,
कहीं ना कहीं हर लम्हा
तुझको सफ़र में जी रहा हूं,
तेरी सजा तस्वीरें दिल में
रंग नज़र से पी रहे हूं,
तूं सुनने तो आना कभी
खामोशियों में भी गाएँगे,
तुझको लगा के सीने से
तनहाईयों में भीग जायेंगे,
हां! मेरी मौसम में तेरा
बरसना बहाना हुआ,
यादों के सिवा इस दिल में
कहाँ तेरा आना हुआ ?
जब तक तेरी आखों की
जाम जी भर मैं पी ना लू,
तब तक तूं रहना मेरी बाहों में
जब तक सात जन्म मैं जी ना लू,
हां तुझको भी पता है
तेरी यादों में अब मर जाऊंगा,
तस्वीरों को सीने से लगा
इस दुनिया से गुजर जाऊंगा...!!
- Rishabh Bhatt